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प्रान्हेड़ा में गूंजे भगवान पार्श्वनाथ के जयकारे, प्रतिष्ठा महोत्सव में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

केकड़ी के समीपवर्ती प्रान्हेड़ा में प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत निकाले गए वरघोड़े में नृत्य करते जैन समाज के युवक।

केकड़ी, 11 मई (आदित्य न्यूज नेटवर्क): समीपवर्ती प्रान्हेड़ा में श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ के तत्वावधान में जीर्णोद्धार उपरान्त नवीन जिनालय में जिन बिम्बों की भव्यातिभव्य प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत बुधवार को विविध आयोजन हुए। मुनि आगम रत्न सागर, मुनि प्रशम रत्न सागर एवं मुनि वज्ररत्न सागर तथा साध्वी शुभदर्शना, साध्वी डॉ. समकित प्रज्ञा एवं साध्वी स्वस्ति प्रज्ञा की पावन निश्रा तथा अन्तरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विधिकारक सिरोही निवासी मनोज कुमार हरण के मार्गदर्शन में भव्यातिभव्य वरघोड़ा निकाला गया। जो गांव के प्रमुख मार्गों से होते हुए जिन मंदिर पहुंच कर सम्पन्न हुआ। वरघोड़े में इन्द्र ध्वजा, हाथी, घोड़े, ऊंट, शाही बग्घी, स्वर्ण मंडित, प्रभु की निहालकी, जैन पताका लिए घुड़सवार, प्रभु के विविध प्रसंगों की झांकिया लोगों के आकर्षण का केन्द्र रही। जुलूस में मुनि संघ, साध्वी मण्डल एवं आसपास के गांवों से आए श्रद्धालु शामिल हुए।

केकड़ी के समीपवर्ती प्रान्हेड़ा में प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत निकाले गए वरघोड़े में शामिल जैन समाज के महिला—पुरुष।

दोपहर में अठारह अभिषेक पूजन का आयोजन हुआ। रूणिजा के प्रवीण जैन, नागदा के गौरव जैन एवं ढोढर के योगेश जैन के निर्देशन में श्रद्धालुओं ने परमात्मा के अठारह अभिषेक किए एवं अष्ट द्रव्यों से पूजा की। भजन गायकों ने एक से बढ़कर एक सुमधुर भजनों की रसगंगा बहाई। महापूजन के दौरान मंदिर परिसर परमात्मा के जयकारों से गूंज उठा। आरती के बाद लाभार्थी परिवार ने शांति कलश किया। शाम को गांव सांझी का कार्यक्रम हुआ, जिसमे बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुई। धर्मसभा को संबोधित करते हुए साध्वी शुभदर्शना ने कहा कि परम पिता परमात्मा के मंदिर की प्रतिष्ठा महोत्सव को निहारने का अवसर भाग्यशाली व्यक्ति को ही प्राप्त हो सकता है। महान पुण्य का उदय होने पर ही व्यक्ति परमात्मा के नाम कर्म का बन्धन होता है।

केकड़ी के समीपवर्ती प्रान्हेड़ा में प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत निकाले गए वरघोड़े में शामिल साध्वी मण्डल।

संघ अध्यक्ष उदयसिंह संचेती ने बताया कि गुरुवार को प्रात: विघ्न हरण पार्श्वनाथ भगवान की महामंगलकारी प्रतिष्ठा, ध्वज दण्ड़, सुवर्ण कलश स्थापना, तोरण बंधन, माणक स्तंभारोपण एवं अभिनन्दन समारोह तथा दोपहर में अष्टोत्तरी शांति स्नात्र पूजन का आयोजन किया जाएगा। शुक्रवार को सुबह द्वारोद्घाटन एवं सत्तरभेदी पूजा का आयोजन किया जाएगा। इस मौके पर संघ मंत्री भंवरलाल मेड़तवाल, उपाध्यक्ष नवरतन संचेती, कोषाध्यक्ष उमरावमल मेड़तवाल, गजराज सिंह मेड़तवाल, दिनेश मेड़तवाल, रिखबचन्द सांखला, छीतरमल मेड़तवाल, निहालचन्द मेड़तवाल, दिनेश कुमार संचेती, अभय सिंह संचेती समेत संघ के अन्य सदस्यों ने सहयोग किया।

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