केकड़ी, 14 जुलाई (आदित्य न्यूज नेटवर्क): केकड़ी व्यापारिक एसोसिएशन के प्रतिनिधिमण्डल ने गुरुवार को उपखण्ड अधिकारी विकास पंचोली को प्रधानमंत्री के नाम लिखा ज्ञापन सौंप कर प्री—पैक्ड एवं प्री—लेवल्ड आयटम पर जीएसटी लगाने के निर्णय को वापस लेने की मांग की है। ज्ञापन में बताया गया कि खाद्य वस्तुओं, अनाज, चावल, दही, छाछ-लस्सी और आटा सहित वे सभी खाद्य पदार्थ, जो खुले के बजाय डिब्बाबंद रूप में बेचे जा रहे हैं और जो अब तक जीएसटी (GST) के दायरे में नहीं है। इन सभी को अब 18 जुलाई से जीएसटी के दायरे में लिया जा रहा है। सरकार के इस निर्णय से आम आदमी को राहत मिलने की बजाय उस पर टैक्स का अतिरिक्त भार पड़ेगा। अभी तक छोटे और मध्यम वर्ग के व्यापारी अपने प्रोडक्ट की पैकिंग कर बाजार में बेचते आ रहे थे तथा उनसे टैक्स नहीं लिया जा रहा था। लेकिन अब सरकार बड़े ब्राण्डों की तरह इनसे भी टैक्स लेने का निर्णय कर चुकी है।
व्यापारियों में है गहरी नाराजगी सरकार के इस निर्णय से व्यापारियों में गहरी नाराजगी है। केन्द्र सरकार को प्री—पैक्ड एवं प्री—लेवल्ड आयटम को पहले की भांति कर मुक्त रखना चाहिए। अन्यथा छोटे कारोबारी बर्बाद हो जाएंगे। ज्ञापन में बताया कि केन्द्र सरकार के निर्णय के विरोध में भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल नई दिल्ली ने आगामी 16 जुलाई को सभी मंडियों को बंद रखने का निर्णय किया है। व्यापारिक एसोसिएशन के प्रवक्ता शैलेन्द्र बोरदिया ने बताया कि उक्त निर्णय की अनुपालना में केकड़ी की मण्डी में भी 16 जुलाई को कृषि जिंस की खरीद फरोख्त का कार्य नहीं होगा। ज्ञापन सौंपते समय शिवप्रसाद तोषनीवाल, प्रमोद बाकलीवाल, ओमप्रकाश फतहपुरिया, दिनेश काबरा, ज्ञानचन्द जैन, वैभव धूपिया, महेन्द्र जैन, सुरेश जैन, सुभाष बियाणी, बलराम मंत्री समेत अनेक पदाधिकारी एवं सदस्य मौजूद रहे।
प्री-पैक्ड खाद्यान्नों को जीएसटी से मुक्त रखने की मांग, व्यापारियों ने सौंपा प्रधानमंत्री के नाम लिखा ज्ञापन
