केकडी, 27 दिसम्बर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): कथावाचक आचार्य घनानन्द महाराज ने कहा कि भगवान को खोजने के लिए कहीं जाने की जरुरत नहीं है। जिसमे देव तत्व का वास होता है भगवान स्वयं आकर उसकी सारी बेड़ी-हथकड़ी को काटकर उसे संसार सागर से मुक्त करा दिया करते हैं। वे भाग्योदय नगर स्थित मंगलम गार्डन में पारीक परिवार की ओर से आयोजित भागवत कथा में प्रवचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जीवन में भगवान श्री कृष्ण की भक्ति आ गई तो ऐसा समझना चाहिए कि जीवन सफल हो गया। कथा के दौरान जब वसुदेव जी भगवान श्रीकृष्ण को शिरोधार्य कर पहुंचे तो पूरा पाण्डाल श्री कृष्ण के जयकारों तथा ‘नन्द के आनन्द भयो….जय कन्हैया लाल की’ जय से गूंजायमान हो उठा। कथा के दौरान महाराज जी ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की महता पर प्रकाश डाला।
सुमधुर भजनों की बहाई रसगंगा श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के लिए मंगलम गार्डन को आकर्षक ढंग से सजाया गया। इस दौरान भजन गायकों ने सुमधुर भजनों की रसगंगा बहाई। भजनों की प्रस्तुति के दौरान आयोजन स्थल का वातावरण धर्ममयी हो गया। श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर जन्मोत्सव मनाया। पूरा पाण्डाल जयकारों से गूंज उठा। सुमधुर भजनों की प्रस्तुतियों से भाव-विभोर होकर महिलाओं ने नृत्य किया। भगवान कृष्ण के बाल रूप का दर्शन करने के लिए लोगों में होड़ मच गई। अंत में आयोजक परिवार के चन्द्रप्रकाश पारीक एवं आदित्य पारीक आदि ने आरती की।
बाल रूप का दर्शन करने के लिए मची होड़, कृष्ण जन्मोत्सव में झूमे श्रद्धालु
