केकड़ी, 24 नवम्बर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ केकड़ी के तत्वावधान में आयोजित अंजनशलाका, प्रतिष्ठा एवं दीक्षा महोत्सव के दौरान गुरुवार को विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। खरतरगच्छ आचार्य पीयूषसागर सूरीश्वर महाराज आदि ठाणा 13, साध्वी शुभदर्शना आदि ठाणा 03, साध्वी प्रभंजना आदि ठाणा 04 एवं साध्वी अतुलप्रभा आदि ठाणा 03 के पावन सानिध्य में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सुबह बघेरा रोड स्थित दादाबाड़ी परिसर में नवनिर्मित शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान के नूतन जिनालय में बैंगलुरु के तुषार गुरुजी के दिशा निर्देशन में माता-पिता, इन्द्र-इन्द्राणी, प्रतिष्ठाचार्य एवं धर्माचार्य की स्थापना तथा च्यवन कल्याणक विधान का कार्यक्रम हुआ।
मुमुक्षु का किया डोरा बंधन इस दौरान ताराचन्द, लाभचन्द, दीपक, अमित धूपिया ने शालिभद्र भोजन मंडप एवं सुभाषचन्द्र, अमित कुमार चौरड़िया ने वाराणसी नगरी का उद्घाटन किया। मंडप उद्घाटन से पहले शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा के बाद वाराणसी नगरी के विशाल राजदरबार में चैन्नई निवासी मुमुक्षु शांतिलाल गुलेच्छा का डोरा बंधन, केशर छांटना व पीठी विधि के विविध आयोजन हुए।
नृत्य के माध्यम से अवतरित किए स्वप्न च्यवन कल्याणक विधान के दौरान भगवान की माता को 14 स्वप्नों का दर्शन, इन्द्रासन कम्पायमान आदि प्रसंगों का जीवंत मंचन किया गया। इस दौरान चौदह बालिकाओं ने नृत्य के माध्यम से माता को आए स्वप्नों को अवतरित करवाया। बॉलीवुड के कलाकारों ने विविध नृत्यों की प्रस्तुति दी। अहमदाबाद से आए आशीष जैन के संगीत सौजन्य एवं मदन परमार सुवासरा समेत अन्य गायक कलाकारों व मंचीय कलाकारों के भावपूर्ण प्रदर्शन ने कार्यक्रम में समां बांध दिया।
जन्म कल्याणक विधान शुक्रवार को मीडिया प्रभारी नीरज लोढ़ा ने बताया कि शुक्रवार को सुबह मंदिर परिसर में जन्म कल्याण के विधान होंगे। नौ बजे से वाराणसी नगरी के राज मंच पर जन्मकल्याणक विधान, 56 दिक्कुमारी महोत्सव, हरिणगमेषी देव द्वारा सुघोषा घंटानाद, 64 इन्द्रों द्वारा मेरू पर्वत पर प्रभु के 250 अभिषेक, कलाकारों द्वारा विशेष नृत्य गान एवं दोपहर में अठारह अभिषेक पूजन तथा रात्रि में संगीत सम्राट दिलीप बाफना द्वारा एक जन्मयो राज दुलारो नृत्य एवं प्रभु भक्ति का अनुपम कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
भगवान की माता ने किए 14 स्वपनों के दर्शन, च्यवन कल्याणक विधान के दौरान इन्द्र का आसन हुआ कम्पायमान

केकड़ी: अंजनशलाका, प्रतिष्ठा एवं दीक्षा महोत्सव के दौरान भगवान के च्यवन कल्याणक का जीवंत मंचन करते कलाकार।