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भव्य शोभायात्रा के साथ शुरु हुई भागवत कथा, महिलाओं ने सिर पर धारण किए कलश

केकड़ी: श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव के दौरान प्रवचन करते कथावाचक पंडित ऋषिराज शास्त्री।

केकड़ी, 24 जुलाई (आदित्य न्यूज नेटवर्क): यहां सावर रोड स्थित तिरुपति स्टोनेक्स में सोमवार को मंगलुण्डिया परिवार की ओर से आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ का शुभारम्भ हुआ। महोत्सव के तहत सुबह तेलियान मंदिर स्थित सीताराम मंदिर से विशाल कलश यात्रा निकाली गई। जो नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए कथा स्थल तिरुपति स्टोनेक्स पहुंच कर सम्पन्न हुई। शोभायात्रा में महिलाओं ने सिर पर कलश धारण कर रखे थे। सबसे आगे कथावाचक पंडित ऋषिराज शास्त्री चल रहे थे।
केकड़ी: श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव के तहत निकाली गई शोभायात्रा में सिर पर कलश धारण कर चलती महिलाएं।

भागवतजी को किया शिरोधार्य शोभायात्रा के दौरान कथा आयोजक मंगलुण्डिया परिवार के सदस्यों ने श्रीमद्भागवत जी को शिरोधार्य कर रखा था। शोभायात्रा तीन बत्ती चौराहा, अजमेरी गेट, घण्टाघर, सदर बाजार, खिड़की गेट, सावर रोड तिराहा होते हुए सावर रोड स्थित तिरुपति स्टोनेक्स पहुंच कर धर्मसभा में परिवर्तित हो गई। धर्मसभा की शुरुआत में कथा आयोजक ओमप्रकाश मंगलुण्डिया, रवि मंगलुण्डिया, आयोजक परिवांर के सदस्य व पालिका अध्यक्ष कमलेश साहू एवं परिवारजनों ने भागवतजी की पूजा अर्चना की।

भागवत सब ग्रन्थों का सार धर्मसभा को संबोधित करते हुए कथावाचक पंडित ऋषिराज शास्त्री ने कहा कि श्रीमद् भागवत महापुराण वेद रूपी वृक्ष का पका हुआ फल है। इसमें भक्ति, ज्ञान व वैराग्य की विस्तार से चर्चा है। इसके श्रवण मात्र से ही मृत्यु का भय दूर हो जाता है। परमधाम गमन के लिए भागवत कथा आरक्षण के समान है। भागवत सब ग्रन्थों का सार है। इसका श्रवण करने के लिए देवता भी तरसते है। भारत की पुण्यभूमि में जन्म होना जीवों के अनन्त पुण्य का पुष्प और फल है। भागवत की अमृतमयी कथा जीवन को रास्ता दिखाती है।
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