केकड़ी, 27 मई (आदित्य न्यूज नेटवर्क): जन-जन की आस्था के केंद्र गीता भवन में महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी जगदीश पुरी महाराज के सानिध्य में चल रहे श्रीमद् भागवत ज्ञान महायज्ञ के दौरान शुक्रवार रात को श्री कृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया। इस मौके पर मंच सहित पूरे भवन परिसर को फूल मालाओं और गुब्बारों से आकर्षक ढंग से सजाया गया। कथा के दौरान जैसे ही स्वामी जगदीश पुरी महाराज ने भगवान श्री कृष्ण जन्म का प्रसंग सुनाया, समूचा गीता भवन नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की के उद्घोष से गूंज उठा। कथा के दौरान उन्होंने कहा कि बाल गोपाल का जन्म देवकी और वसुदेव की आठवीं संतान के रूप में होता है। उन्होंने देवकी वासुदेव का अर्थ समझाते हुए कहा कि देवकी यानी जो देवताओं की होकर जीवन जीती है और वसुदेव का अर्थ है जिसमें देव तत्व का वास हो।
केकड़ी: गीता भवन में भागवत कथा के दौरान मौजूद महिलाएं।
श्रीकृष्ण भक्ति से जीवन होता सफल जगदीशपुरी महाराज ने कहा कि भगवान को खोजने के लिए उन्हें कहीं जाना नहीं पड़ता बल्कि भगवान स्वयं आकर उनकी सारी बेडी और हथकड़ी को काटकर उसे संसार सागर से मुक्त करा दिया करते हैं। उन्होंने कहा कि हर मनुष्य के जीवन में छह शत्रु है । काम, क्रोध, मद, लोभ व अहंकार। जब हमारे अंदर के यह शत्रु समाप्त हो जाते हैं तो सातवे संतान के रूप में शेषजी जो काल के प्रतीक हैं। वह काल फिर मनुष्य के जीवन में आना भी चाहे तो भगवान अपने योग माया से उस काल का रास्ता बदल देते हैं और फिर आठवीं संतान के रूप में भगवान श्री कृष्ण का अवतार होता है। उन्होंने कहा कि जिसके जीवन में भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति आ गई तो ऐसा समझना चाहिए कि जीवन सफल हो गया है।
केकड़ी: गीता भवन में भागवत कथा के दौरान महामण्डलेश्वर जगदीशपुरी महाराज का अभिनन्दन करते श्रद्धालुगण।
भागवत जी की आरती की कथा के दौरान श्री कृष्ण जन्मोत्सव के प्रसंग पर वसुदेव जी कृष्ण कन्हैया को शिरोधार्य करके पंडाल में पहुंचे। इस दौरान ब्रह्मचारी महेंद्र चैतन्य ने नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की…, जसोदा मां के हुयो है लाल बधाई सारे भक्तां ने… सहित अन्य कई भजन प्रस्तुत किए। जिन पर समूचा पंडाल भाव विभोर होकर झूम उठा। कथा के अंत में सभी श्रद्धालुओं द्वारा भागवत जी की आरती की गई। आयोजन के दौरान बढ़ते कदम संस्थान की ओर से संस्थान के अध्यक्ष अशोक पारीक, मुख्य व्यवस्थापक आनंद सोमानी, महेंद्र प्रधान, पंकज होतचंदानी, गोपाल लाल वर्मा, राजेंद्र प्रसाद शर्मा द्वारा स्वामी जगदीश पुरी महाराज का स्वागत किया गया। साथ ही कवि बुद्धि प्रकाश दाधीच, आयुर्वेद चिकित्सक डॉ मुकेश कुमावत, देवन भगतानी व बोगला के महेंद्र कुमार गर्ग ने स्वामी जी का स्वागत कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया। स्वागत कार्यक्रम का संचालन सुरेंद्र जोशी द्वारा किया गया। कथा का समापन 29 मई को होगा।