केकडी, 25 दिसम्बर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): भरतपुर के संस्थापक अजेय योद्धा महाराजा सूरजमल की पुण्य तिथि रविवार को यहां अजमेर रोड स्थित तेजाजी मंदिर परिसर में बलिदान दिवस के रूप में मनाई गई। इस मौके पर सर्व समाज के लोगों ने महाराजा सूरजमल के छायाचित्र पर पुष्प अर्पित करके श्रद्धांजलि दी तथा उनके वीरता पूर्वक किए गए कार्यों को याद किया। प्रवक्ता शिवप्रकाश चौधरी ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान युवाओं ने महाराज सूरजमल से प्रेरणा लेकर सदैव धर्म की रक्षा और महिलाओं की सुरक्षा का संकल्प लिया। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि महाराजा सूरजमल किशोरावस्था से ही बहुत ताकतवर, साहसी यौद्धा, धैर्यवान, गंभीर, दयालु, दूरदर्शी व राष्ट्रवादी सोच के मालिक थे। दूरदर्शी सोच के कारण ही उन्होंने अजेय दुर्ग लोहागढ़ की स्थापना की थी।
मुगलों को किया था परास्त महाराजा सूरजमल के नेतृत्व में जाटों ने मुगलों को परास्त कर आगरा, फरूखाबाद से लेकर बिजनौर, पानीपत, दिल्ली तक के क्षेत्र पर अपना अधिकार कर लिया था। महाराजा सूरजमल की वीरता और शौर्य का मुगलों में इस कद़र खौफ था कि मृत्यु के पश्चात भी मुगलों को सहज ही ये विश्वास नहीं हुआ था कि सूरजमल मारे गए। मुगल शासक ये कहते थे कि “जाट मरा तब जानिए जब तेरहवीं हो जाएं।’’ कार्यक्रम के दौरान रामलाल जाट, सुखलाल, रामेश्वर, धनराज, राजेन्द्र चौधरी, सत्यनरायण, जीतराम करीवाल, दीपक सिंधी, माधु कुडी, रामराज गांगवाल, राजेन्द्र नागा, सीताराम पटेल, दिनेश नागा, सन्नी चोधरी, प्रदीप चौधरी, शंकर, प्रधान डसाणिया, देशराज आदि मौजूद रहे।
महाराजा सूरजमल को किया नमन, बलिदान दिवस के रूप में मनाई पुण्यतिथि

केकडी: महाराजा सूरजमल की पुण्यतिथि पर श्रद्धाजंलि अर्पित करते सर्व समाज के लोग।