केकड़ी। शौर्य एवं समर्पण के प्रतीक महाराजा सूरजमल का बलिदान दिवस शनिवार को विविध आयोजनों के साथ मनाया गया। महाराजा सूरजमल को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि महाराजा सूरजमल में वीरता, धीरता, गंभीरता, उदारता, सतर्कता, दूरदर्शिता, सूझबूझ, चातुर्य एवं राजमर्मज्ञता का अनूठा संगम था। वे मेल-मिलाप और समावेशी सोच को आत्मसात करने वाले सच्चे भारतीय थे। उन्होंने अपने जीवनकाल में छोटे-बड़े लगभग 80 युद्ध लड़े और सभी में विजय हासिल की।
महाराजा सूरजमल ने समाज ही नहीं देश का बढ़ाया मान
