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माइंस कारोबारी ने पेट्रोल डालकर किया आत्मदाह का प्रयास, लेनदेन के विवाद में सुनवाई नहीं होने से था परेशान

केकड़ी: आग की लपटों में घिरा युवक एवं आग बुझाने का प्रयास करते लोग।

केकड़ी, 27 जुलाई (आदित्य न्यूज नेटवर्क): माइंस कारोबारी ने यहां कोर्ट परिसर में पार्किंग के समीप पेट्रोल डालकर खुद को आग लगा ली। आग लगाने के बाद वह चिल्लाते हुए इधर—उधर भागने लगा। वहां मौजूद लोगों ने उसे आग की लपटों में घिरा देखा तो सकते में आ गए। कुछ युवकों ने पानी डालकर एवं कुछ ने अन्य तरीकों से आग बुझाने का प्रयास किया। इस दौरान कोर्ट परिसर में मौजूद हैड कांस्टेबल नन्दकिशोर ने आग बुझाने के लिए जलते हुए कपड़ों को फाड़कर अलग कर दिया तथा केकड़ी शहर थाना पुलिस व एम्बुलेंस चालक को इसकी सूचना दी। सूचना पर मौके पर पहुंची एम्बुलेंस 108 की सहायता से युवक को राजकीय जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया। जहां से उसे अजमेर रैफर कर दिया गया। चिकित्सकों के अनुसार युवक का शरीर 80—90 प्रतिशत झुलस चुका है।

केकड़ी: अशोक गौतम (फाइल फोटो)

क्या है मामला प्राप्त जानकारी के अनुसार सातीव थाना तारानगर जिला चुरु निवासी अशोक गौतम पुत्र पवन गौतम यहां अजमेर रोड स्थित चन्द्रप्रभु कॉलोनी में किराए के मकान में रहता है। बताया जाता है कि अशोक गौतम पार्टनरशिप में माइंस चलाता था। जिसमे पार्टनरों ने उसे 50 लाख रुपए से ज्यादा का नुकसान पहुंचा दिया। इस बारे में उसने केकड़ी शहर थाना पुलिस में मुकदमा भी दर्ज कराया था। जांच करते हुए पुलिस ने आपस में राजीनामा करवा दिया तथा मुकदमे में एफआर लगा दी। समझौते के बावजूद पार्टनरों ने बकाया पैसे नहीं दिए तो उसने वापस इसकी शिकायत की। लेकिन उसकी किसी भी स्तर पर कोई सुनवाई नहीं हुई। गुरुवार को अशोक गौतम अपनी मां किरण शर्मा के साथ कोर्ट परिसर में मौजूद था।
केकड़ी: राजकीय जिला चिकित्सालय में झुलसे युवक का उपचार करते चिकित्साकर्मी।

वीडियो जारी कर बताई व्यथा खुद को आग लगाने से पहले गौतम ने 3 मिनट 38 सैकण्ड का वीडियो जारी कर कई लोगों को इसका जिम्मेदार बताया है। वीडियो में गौतम ने बताया कि बार—बार शिकायत के बावजूद किसी तरह की सुनवाई नहीं होने पर 28 दिसम्बर 2022 को उसकी मां किरण शर्मा पुलिस थाने में आत्महत्या की कोशिश कर चुकी है। वीडियो में गौतम ने कहा कि थाने के बाहर लिखे स्लोगन ‘अपराधियों में डर और आमजन में विश्वास’ को हटवा कर यह लिखवा दीजिए की ‘नेताजी का डर और पैसे में विश्वास’। उसने कहा कि वह पिछले डेढ़ साल से थाने के चक्कर लगा रहा है। लेकिन किसी तरह की सार्थक सुनवाई नहीं हो रही।

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