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रानीखेत बीमारी से 3 मोरों की मौत, मृत मोरों का किया दाह संस्कार

केकड़ी: समीपवर्ती जूनियां में मृत मिले मोरों का पोस्टमार्टम करने की कार्रवाई करती पशु चिकित्सा विभाग की टीम।

केकड़ी, 17 मार्च (आदित्य न्यूज नेटवर्क): समीपवर्ती जूनियां में तेजाजी के स्थान के पास 2 नर व 1 मादा मोर मृत मिलने से सनसनी फैल गई। सूचना मिलने पर वन विभाग एवं पशु चिकित्सा विभाग की टीम मौके पर पहुंची। प्राप्त जानकारी के अनुसार बलराम सैनी, अवधेश मिश्रा, मोनू पांचाल, लक्ष्मण गुर्जर, सुनील आचार्य, देवराज गुर्जर, हनुमान गुर्जर एवं अन्य ग्रामीणों ने अम्बापुरा मार्ग पर तेजाजी के स्थान के पास कुछ मोरों के अचेतावस्था में पड़े होने की सूचना दी।

तीन डॉक्टरों की टीम ने किया पोस्टमार्टम चिकित्साकर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे वन विभाग के वनपाल घीसू सिंह राठौड़, वनरक्षक बजरंग जाट एवं होमगार्ड जवान नरपत सिंह व राजकुमार ने ग्रामीणों की सहायता से मृत मोरों को एक स्थान पर एकत्रित कर सभी मोरों को केकड़ी स्थित वनपाल चौकी पहुंचाया। जहां तीन डॉक्टरों की टीम ने मृत मोरों का पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम के बाद वन विभाग की टीम ने मृत मोरों का दाह संस्कार कर दिया। पोस्टमार्टम करने वाली टीम में केकड़ी के वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. नरेन्द्र चौहान, सावर के डॉ. अमित पारीक एवं जूनियां की डॉ. अनिता कुमावत शामिल रहे।

चिकित्सकों ने की रानीखेत की पुष्टि वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी डॉ. नरेन्द्र चौहान ने बताया कि मोरों की मौत रानीखेत बीमारी के कारण हुई है। यह एक वायरस जनित रोग है। पोस्टमार्टम के दौरान प्रारंभिक जांच में रानीखेत बीमारी की पुष्टि हुई है। प्राय: यह बीमारी पोल्ट्री फॉर्म में रहने वाले मुर्गे व मुर्गियों में पाई जाती है। परन्तु कुछ दिन से यह बीमारी जंगली पक्षियों में भी होने लगी है। डॉ. चौहान ने बताया कि वन विभाग के सहयोग से पक्षियों के आगमन स्थल पर रखे पानी के परिण्डो में रानीखेत से बचाव के लिए दवा डालने का अभियान शुरू किया गया है।

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