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विवाद से छूटी प्रेम की डगर, छह साल बाद फिर से बन गए हमसफर

केकड़ी: राष्ट्रीय लोक अदालत में तलाक के छह साल पुराने प्रकरण में समझाइश के बाद दम्पति को आशीर्वाद देते एसीजेएम प्रथम रमेश कुमार करोल एवं अधिवक्तागण।

केकड़ी, 09 सितम्बर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): तालुका विधिक सेवा समिति के तत्वावधान में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस दौरान दम्पती के मध्य छह साल से चल रहे तलाक, दहेज व पुनर्भरण के प्रकरणों का निस्तारण किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान न्यायिक अधिकारियों एवं अधिवक्ताओं ने समझाइश करते हुए एक दूसरे की भावना व मजबूरी को समझने के लिए प्रेरित किया। पारिवारिक जरूरतें हर प्रकार के परिवार की होती है। आमदनी कम हो और खर्चा अधिक हो तो पति-पत्नी को मिल जुलकर जरूरतों में तारतम्य बनाना चाहिए। इसी आशय की समझाइश करते हुए अधिवक्ता डॉ. मनोज कुमार आहूजा व अधिवक्ता सांवरलाल चौधरी ने दोनों पक्षकारों को भावनात्मक रूप से समझाया। दोनों पक्ष पिछले छह साल से आपस में कानूनी जंग लड़ रहे थे।

इगो के कारण बढ़ते है विवाद अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या 01 रमेश कुमार करोल ने हिन्दू धर्म के संस्कारों से अवगत करवाते हुए पति-पत्नी के पवित्र रिश्ते में विच्छेद नहीं करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी बातों पर इगो या प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाना सही नहीं है। आपसी समझाइश के बाद दम्पती अपने सभी प्रकरणों का निस्तारण करवाने के लिए तैयार हो गए। प्रकरण का निस्तारण होने के बाद पति-पत्नी ने एक दूसरे को माला पहनाई व न्यायिक अधिकारियों एवं अधिवक्ताओं से आशीर्वाद लिया। इसके बाद दम्पती खुशी खुशी घर लौट गए। गौरतलब है कि उक्त प्रकरण अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या 02 में विचाराधीन है तथा राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान उक्त प्रकरण की सुनवाई बैंच संख्या 02 में हुई है।
केकड़ी: राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान मौजूद न्यायिक अधिकारी एवं अधिवक्ता।
राजीनामे से तय हुए प्रकरण केकड़ी मुख्यालय पर स्थित न्यायालयों में शनिवार को तृतीय राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसमें दो बैंचों का गठन किया गया। प्रथम बेंच में अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या-02 कुन्तल जैन अध्यक्ष एवं अधिवक्ता नवल किशोर पारीक सदस्य रहे। द्वितीय बैंच में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम रमेश कुमार करोल अध्यक्ष व अधिवक्ता मुकेश गढ़वाल सदस्य रहे। प्रथम बैंच द्वारा कुल 92 प्रकरणों का राजीनामा से निस्तारण किया गया। जिनमें कुल 5 करोड़ 44 लाख 29 हजार रुपए के अवार्ड पारित किए गए तथा बैंकों व ए.वी.एन.एल. के प्री-लिटिगेशन के 49 प्रकरणों का निस्तारण हुआ, जिसमें कुल 15 लाख 57 हजार 277 रुपए के अवार्ड पारित किए गए। इसी प्रकार द्वितीय बैंच द्वारा कुल 174 प्रकरणों का राजीनामा से निस्तारण किया गया। जिसमें कुल एक करोड़ 25 लाख 40 हजार 500 रुपए के अवार्ड पारित किए गए। द्वितीय बैंच द्वारा उपखण्ड न्यायालय केकड़ी, भिनाय व सावर के 23359 प्रिलिटिगेशन प्रकरणों का निस्तारण भी किया गया।

इन्होंने किया सहयोग तालुका विधिक सेवा समिति केकड़ी के सचिव दिनेश कुमार शर्मा, आशाराम कुमावत, निशा कुमावत, संजीव चौधरी, सूरज कुमार मीणा, अनिल कुमार मीणा, हेमलता शर्मा, ओमप्रकाश लोट, सद्दीक मोहम्मद, शिवराम कीर व रूपसिंह एवं होमगार्ड जवान सागर वैष्णव, गणेश नरवारिया, दिलखुश साहू व देवराज ने लोक अदालत को सफल बनाने में सहयोग किया। इस मौके पर अधिवक्ता हेमन्त जैन, मनोज आहूजा, अजय पारीक, घनश्याम वैष्णव, भैरूसिंह राठौड़, मुकेश गुर्जर, हनुमान प्रसाद शर्मा, कन्हैयालाल मेवाड़ा, कमेलश कांसोटिया व नरेन्द्र लोधा समेत अनेक वकील उपस्थित रहे।

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