केकड़ी (आदित्य न्यूज नेटवर्क) शनि अमावस्या को दान और पूजा करने का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन किए जाने वाले दान-स्नान और पूजा-पाठ आदि का पुण्य जीवनभर प्राप्त होता है। इतना ही नहीं, कहते हैं कि इस दिन कुछ उपाय कर लिए जाएं तो जीवन के दुखों और संकटों को दूर किया जा सकता है। इस दिन शनि प्रतिमा का तेलाभिषेक करने एवं प्रसाद चढ़ाने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
पीपल की परिक्रमा विशेष फलदायी शनि अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ से जुड़े कुछ उपाय करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन पीपल के वृक्ष की परिक्रमा, पीपल के वृक्ष की पूजा और उपाय करना विशेष फलदायी माना जाता है। पीपल पूजन करने से सौभाग्य बढ़ता है और पितृ प्रसन्न होकर आशीर्वाद प्रदान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि पीपल के पेड़ में कई देवी-देवता और पितरों का वास होता है और अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। अपने पुण्यों को बढ़ाने के लिए पीपल वृक्ष की पूजा के साथ उसकी परिक्रमा करना शुभ माना जाता है।
पीपल को करें जल अर्पित गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं बताया है कि सभी वृक्षों में पीपल का वृक्ष हूं मैं। श्रीकृष्ण ने खुद को पीपल के वृक्ष के समान ही बताया है। पीपल के पेड़ का विधिवत तरीके से पूजन किया जाता है। धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि शनि अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ को प्रणाम करके उसकी परिक्रमा करने से मानव की आयु लंबी होती है। साथ ही जो व्यक्ति पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करता है उसके पापों का नाश होता है और स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
पीपल का पौधा लगाएं शनिदेव की पीड़ा को शांत करने के लिए शनिवार के दिन पीपल का पौधा लगाने का विधान है। धार्मिक दृष्टि से इस दिन पीपल का पौधा लगाने से शनि ग्रह के प्रभावों से शांति मिलती है। ग्रंथों में कहा गया है कि हर व्यक्ति को अपने जीवन में एक पीपल का पेड़ अवश्य लगाना चाहिए। जो लोग जीवन में पीपल का एक भी पौधा लगा देते हैं, उन्हें जीवनभर कोई भी संकट नहीं रहता। मान्यता है कि पीपल के पौधे में रविवार का दिन छोडकऱ नियमित रूप से जल अर्पित करना चाहिए। पौधा बढऩे के साथ ही सुख-समृद्धि में भी विकास होता है।
हनुमान चालीसा का पाठ करें मान्यता है कि शनि अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करना बहुत लाभकारी होता है। ऐसा करने से आर्थिक, शारीरिक और मानसिक परेशानियों से छुटकारा मिलता है। कुंडली में शनिदोष होने के कारण अगर आपको कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, तो इस दिन स्नानादि के बाद सूर्योदय से पहले ही पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इसके बाद शनिदेव से अपने कष्टों से मुक्ति की प्रार्थना करें। फल जरूर मिलेगा।