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शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का साया, क्या इस बार नहीं होगी अमृत वर्षा…!

प्रतीकात्मक फोटो

केकड़ी, 21 अक्टूबर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): शरद पूर्णिमा पर इस बार चंद्र ग्रहण का साया है। इस साल 28 अक्टूबर यानी शरद पूर्णिमा पर साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लग रहा है। यह ग्रहण ज्योतिषिय और धार्मिक दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा, इसलिए धार्मिक तौर पर इस दौरान सूतक काल माना जाएगा। ऐसे में शरद पूर्णिमा पर खीर का भोग लगाकर मनाया जाने वाला उत्सव इस बार इस दिन नहीं होगा। ऐसी स्थिति के मद्देनजर एक दिन पहले 27 अक्टूबर को पूर्ण कला से युक्त चंद्रमा की चांदनी में खीर रखकर मध्य रात्रि में भगवान श्री को भोग लगाया जा सकेगा। केकड़ी में जन-जन की आस्था के केंद्र पुरानी केकड़ी स्थित भगवान श्री चारभुजा नाथ के मंदिर में शरद पूर्णिमा उत्सव 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन उत्सव पूर्ण वातावरण में कीर्तन होगा। मध्य रात्रि में भोग लगाकर श्रद्धालुओं को खीर का प्रसाद वितरित किया जाएगा।

पंडित मुरलीधर दाधीच

बंद रहेंगे मंदिरों के पट 28 अक्टूबर को चंद्र ग्रहण होने के कारण निर्धारित समय अवधि के दौरान मंदिरों में पट बंद रहेंगे। चारभुजा नाथ मंदिर के कथा व्यास एवं ज्योतिषाचार्य पंडित मुरलीधर दाधीच ने बताया कि 28 अक्टूबर को खण्डग्रास चन्द्रग्रहण दृश्यमान होगा। इस चंद्र ग्रहण का सूतक शाम को 4:05 से प्रारंभ होगा। रात्रि 11:32 पर विरल छाया प्रवेश और रात्रि 1:05 पर ग्रहण का स्पर्श होगा। वही ग्रहण का मध्य रात को 1:44 पर होगा और ग्रहण मोक्ष रात्रि 2:23 पर होगा। शास्त्रों में चंद्र ग्रहण से जुड़े कई नियमों का वर्णन किया गया है। पूजा-पाठ, भगवान की मूर्तियों का स्पर्श, ग्रहण के दौरान सोना आदि कार्य वर्जित हैं। इस दौरान मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं। वहीं घर में मौजूद पूजा स्थल को भी वस्त्र से अच्छी तरह ढक दिया जाता है। ग्रहण काल में मौन अवस्था में मंत्रों का उच्चारण किया जाता है और भगवान को ध्यान किया जाता है।

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