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संस्कृत विश्व की प्राचीनतम भाषा, जनभाषा बनाने के लिए करने होंगे विशेष प्रयत्न

केकड़ी: भारत संस्कृत परिषद के स्थापना दिवस समारोह में मंचासीन अतिथि।

केकड़ी, 27 जनवरी (आदित्य न्यूज नेटवर्क): भारत संस्कृत परिषद का स्थापना दिवस शुक्रवार को सापण्दा रोड स्थित पटेल विद्यालय में आयोजित किया गया। इस मौके पर नृसिंहद्वारा मेहरूकलां के महंत हरिदास महाराज मुख्य अतिथि एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खण्ड संचालक यशवन्त बेली विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। अध्यक्षता विहिप के जिला उपाध्यक्ष हीराचन्द खुंटेटा ने की। वक्ताओं ने कहा कि संस्कृत भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषाओं में प्रमुख भाषा है। सभी को यह प्रण लेना चाहिए कि संस्कृत पुन: राष्ट्रभाषा बने। जिससे हम आत्मनिर्भर भारत के सर्वांगीण विकास में सहायक सिद्ध हो सकें।

आगामी कार्ययोजना की दी जानकारी गुंजन माहेश्वरी व गुड्डी ने संस्कृत गीतों की प्रस्तुति दी। क्षेत्रीय शिक्षण प्रमुख गोविन्द शर्मा ने आगामी कार्यक्रमों की योजना से अवगत कराया। कार्यक्रम में विहिप के जिला उपाध्यक्ष चान्दमल जैन, बजरंग दल के पूर्व जिला संयोजक दशरथ साहू, विहिप के नगर मंत्री रोहित राठी, प्रखण्ड मंत्री दिनेश वैष्णव, हरिराम, केदार पाण्डे, रानू टेलर, कोमल नायक, रामराज शर्मा, शिवराज, सुरेश, गुनगुन, ज्योति, रचना, रिंकू, लाल समेत अनेक जने मौजूद रहे।

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