केकड़ी, 6 जून (आदित्य न्यूज नेटवर्क): सड़क दुर्घटना में मौत के दस साल पुराने मामले में मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण संख्या 2 की न्यायाधीश ने बीमा कम्पनी की ओर से अदालत में जमा कराए गए 17.25 लाख रुपए चेक मृताश्रित को सौंप दिया। अधिवक्ता मनोज आहूजा ने बताया कि 11 मार्च 2012 को जीप चालक ने लापरवाही से वाहन चलाकर बान्दनवाड़ा निवासी किशनलाल जाट को टक्कर मार दी। हादसे में किशनलाल की मौत हो गई। मृताश्रित की ओर से न्यायालय में क्षतिपूर्ति वाद प्रस्तुत किया गया। जिस पर बीमा कम्पनी के अधिवक्ता ने वाहन की मिथ्या लिप्तता का अभिवचन लेते हुए दुर्घटना किसी अन्य वाहन से होने की बात कही। जिसका खंडन करते हुए याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मनोज आहूजा ने कहा कि अनुसंधान अधिकारी द्वारा असल रोजनामचा न्यायालय में पेश किया गया है। साथ ही दुर्घटनाकारित करने वाले वाहन का मेकेनिकल मुआयना व अन्य दस्तावेजों से दुर्घटना होने का तथ्य प्रमाणित है एवं बीमा कम्पनी द्वारा उठाई गई आपत्तियों को साक्ष्य अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप साबित नहीं किया गया है। आहूजा के तर्कों से सहमत होते हुए न्यायाधीश ने बीमा कम्पनी को क्षतिपूर्ति अदायगी के लिए उत्तरदायी मानते हुए अवार्ड पारित किया था। जिसकी पालना में चैक जमा होने पर मृतक की पत्नी गंगादेवी एवं अन्य वारिसान को सत्रह लाख पच्चीस हजार रुपए का चेक दिया गया।
सड़क दुर्घटना के दस साल पुराने मामले में मृताश्रितों को मिली क्षतिपूर्ति राशि, न्यायालय ने सौंपा चेक

प्रतीकात्मक फोटो