केकड़ी, 10 अप्रैल (आदित्य न्यूज नेटवर्क): आर्यिका गणिनी विमलप्रभा ने कहा कि मानव जीवन के संस्कारों से ही मनुष्य उच्च गति को प्राप्त कर सकता है। मानव जीवन में सदाचरण रूपी संस्कार प्राप्त नहीं करने वाले मनुष्य का जीवन सार्थक नहीं है। जीवन में अच्छे संस्कार डालने के लिए सच्चे गुरु की संगत एवं धार्मिक आचरण बहुत आवश्यक है। वे बोहरा कॉलोनी स्थित नेमीनाथ मंदिर में प्रवचन कर रही थी। उन्होंने कहा कि पुण्यशाली जीव ही मनुष्य जीवन पा सकता है। सौधर्म इन्द्र, चक्रवर्ती एवं स्वर्गों के देव अनेक सिद्धियों के ज्ञाता है। लेकिन तीर्थंकर भगवान के समवशरण में भगवान की पालकी उठाने का अधिकार केवल मनुष्य को ही प्राप्त है। मीडिया प्रभारी पारस जैन ने बताया कि शाम को शास्त्र सभा एवं आनंद यात्रा का कार्यक्रम हुआ। प्रवचन का समय सुबह 8 बजे से रखा गया है।
सदाचरण रूपी संस्कार प्राप्त होने पर मानव जीवन की सार्थकता, पुण्यशाली जीव को मिलता है मनुष्य जीवन
