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समर्पण से युक्त एवं अहम भाव से मुक्त जीवन ही भक्ति का वास्तविक माध्यम

निरंकारी संत समागम के अवसर पर निकाली गई सेवादल रैली में शामिल बैंड।

केकड़ी (आदित्य न्यूज नेटवर्क) समर्पित एवं निष्काम भाव से युक्त होकर ईश्वर के प्रति अपना प्रेम प्रकट करने का माध्यम ही भक्ति है। उक्त उद्गार सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज ने महाराष्ट्र समागम के द्वितीय दिन व्यक्त किए। केकड़ी ब्रांच मुखी अशोक कुमार रंगवानी के अनुसार सतगुरु माता सुदीक्षा ने कहा कि वास्तविक भक्ति किसी भौतिक उपलब्धि के लिए नहीं की जाती। अपितु प्रभु परमात्मा से निस्वार्थ भाव से की जाने वाली भक्ति ही प्रेमाभक्ति होती है। यह एक ओतप्रोत का मामला होता है। जिसमें भक्त भगवान एक दूसरे के पूरक होते हैं। भगवान और भक्त के बीच का संबंध अटूट होता है। जिसके बिना भक्ति संभव नहीं है।

निरंकारी संत समागम में झण्डारोहण करती सतगुरु माता सुदीक्षा।

केकड़ी सेवादल इंचार्ज लक्ष्मण धनजानी ने बताया कि समागम के दूसरे दिन एक आकर्षक सेवादल रैली निकाली गई। रैली में स्वयंसेवकों ने पीटी परेड, शारीरिक व्यायाम, मलखंभ, मानवीय पिरामिड, रस्सी कूद जैसे विभिन्न करतब एवं खेल प्रस्तुत किए। मिशन की विचारधारा और सद्गुरु की सिखलाई पर आधारित लघुनाटिकाएं भी इस रैली में प्रस्तुत की गई। सेवादल रैली की प्रशंसा करते हुए सतगुरु माता ने कहा कि सभी सदस्यों ने कोविड-19 के नियमों का पालन करके मर्यादित रूप से रैली में सुंदर प्रस्तुतीकरण किया।

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