Saturday, August 16, 2025
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सांस्कृतिक और पर्यटन महत्व वाले विभिन्न स्मारकों को देख रोमांचित हुए विद्यार्थी, ऐतिहासिकता की प्राप्त की जानकारी

केकडी, 5 जनवरी (आदित्य न्यूज नेटवर्क): राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय मण्डा के आठ विद्यार्थियों सहित जिले भर के चौबीस होनहार विद्यार्थियों का एक दल यात्रा प्रभारी भगवान सिंह गौड़, सह प्रभारी जोरावर सिंह, दिनेश कुमार वैष्णव, हर्ष पंवार एवं ज्योति रावत की अगुवाई में गुरुवार को राजस्थान के विभिन्न स्थानों का भ्रमण कर वापस लौट गया। राजस्थान दर्शन शैक्षिक एवं सांस्कृतिक यात्रा के तहत हुए इस पांच दिवसीय अन्तर जिला शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों को ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और पर्यटन महत्व वाले विभिन्न स्मारकों एवं स्थानों का भ्रमण करवाया गया। इस दौरान बच्चों ने अपने व्यावहारिक ज्ञान में अभिवृद्धि की।

भाईचारे की भावना होती प्रबल प्रभारी भगवान सिंह गौड़ ने बताया कि शैक्षणिक भ्रमण से छात्र खुले वातावरण में शिक्षा को अपने व्यक्तिगत अनुभवों से परिभाषित करते है। शैक्षिक भ्रमण के माध्यम से बच्चों में एक अनुभूति जागृत होती है, जिससे वे यहां की विभिन्नताओं जैसे इतिहास, विज्ञान, शिष्टाचार और प्रकृति को व्यक्तिगत रूप से जान सकते है। इसके अतिरिक्त बच्चों में समूह में रहने की प्रवृत्ति, नायक बनने की क्षमता तथा आत्मविश्वास एवं भाईचारे की भावना प्रबल होती है।

इन स्थानों का किया अवलोकन सह प्रभारी दिनेश कुमार वैष्णव ने बताया कि शैक्षणिक भ्रमण के दौरान सभी विद्यार्थियों ने चित्तौड़गढ़ में विजय स्तम्भ, जौहर स्थान, गौमुख कुण्ड, कालिका माता मन्दिर, पद्मिनी महल पहुंचकर वहां की स्थापत्य कला के साथ ही व्यू पॉइन्ट से चित्तौड़गढ़ शहर का नजारा देखा। इसके पश्चात सांवलिया सेठ मन्दिर, झीलों की नगरी उदयपुर में जगदीश मन्दिर, सिटी पैलेस, गुलाब बाग, दूध तलाई, पिछोला झील, सुखाड़िया सर्किल, मोतीमगरी, फतेहसागर झील, सहेलियों की बाड़ी व प्रताप गौरव केन्द्र, कुम्भलगढ़, हल्दीघाटी, महाराणा प्रताप स्मारक, चेतक समाधि स्थल और खमनौर में रक्त तलाई सहित कई स्थानों का भ्रमण करवाया गया।

विविध प्रतियोगिताओं का हुआ आयोजन उदयपुर में देश का सबसे बड़ा फिश एक्वेरियम देखकर सभी विद्यार्थी रोमांचित हुए, जिसमें करीब 150 से अधिक टैंकों में 16 देशों की 125 प्रजातियों की मछलियों को एक साथ देखना उनके लिए अनूठा अनुभव था। अंत में नाथद्वारा में विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा विश्वास स्वरूपम और श्रीनाथ मन्दिर के दर्शन कर यह दल पुनः लौटा। यात्रा के दौरान क्विज, भ्रमण आलेख एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिता भी आयोजित की गई, जिसमें प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया।

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