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सात फेरे लेकर वैष्णव समाज के 15 जोड़े बन गए जीवनसाथी

सरवाड़: वैष्णव बैरागी समाज के सामूहिक विवाह सम्मेलन में सामूहिक वरमाला की रस्म अदा करते नवयुगल।

सरवाड़, 03 मई (आदित्य न्यूज नेटवर्क): ढोल-नगाड़ों की थाप, शहनाइयों की गूंज और अग्नि की साक्षी में सात फेरों से परिणय सूत्र बंधन में बंध वैष्णव बैरागी समाज के 15 जोड़े बुधवार को एक दूजे के हो गए। वैष्णव बैरागी समिति सरवाड़ के तत्वावधान में खिरिया गेट स्थित माली सैनी समाज की धर्मशाला में आयोजित समाज का प्रथम आदर्श सामूहिक विवाह सम्मेलन समाज के कई परिवारों के लिए खुशियों की सौगात लेकर आया। वैष्णव बैरागी समिति सरवाड़ के अध्यक्ष राधेश्यामदास वैष्णव ताजपुरा ने बताया कि सुबह आयोजन स्थल से भव्य बिन्दौरी निकाली गई। जिसमे ठाकुरजी का बेवान सबसे आगे चल रहा था।

नजर आया मेले का नजारा बिन्दौरी के नगर भ्रमण के बाद सामूहिक तोरण की रस्म अदा की गई। तोरण के बाद दूल्हा-दुल्हन ने एक-दूसरे के वरमाला डाली। दोपहर में पंडितों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ फेरे कराए। विवाह सम्मेलन समिति के कार्यकारी अध्यक्ष सत्यनारायण वैष्णव सरवाड़ ने बताया कि समिति की ओर से वर-वधुओं को आवश्यक घरेलु सामान उपहारस्वरूप प्रदान किया गया। सम्मेलन स्थल पर हजारों लोगों की भीड़ से मेले सा नजारा दिखाई दिया। दोपहर में आशीर्वाद समारोह का आयोजन हुआ। उपस्थित जनसमूह ने नवदम्पति को खुशहाल जीवन जीने का आशीर्वाद दिया।

समाज विकास के लिए बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना जरुरी आशीर्वाद समारोह को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि समाज का गौरव बनाए रखना सबकी जिम्मेदारी है। समाज विकास के लिए बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करना होगा। शिक्षा को बढ़ावा मिलने से ही समाज विकास की अवधारणा मूर्तरूप ले सकती है। सचिव अशोक वैष्णव बोराड़ा ने बताया कि शुरुआत में समाज के पदाधिकारियों ने अतिथियों व भामाशाहों का माल्यार्पण, साफा बंधन एवं दुपट्टा पहना कर अभिनन्दन किया। इस मौके पर सरवाड़, केकड़ी, नसीराबाद, किशनगढ़, अजमेर, ब्यावर, पुष्कर, बिजयनगर, गुलाबपुरा, भीलवाड़ा समेत आसपास के गांवों से आए समाजबंधु मौजूद रहे।

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