केकड़ी, 6 जून (आदित्य न्यूज नेटवर्क): दिगम्बर जैन आचार्य इन्द्रनन्दी महराज एवं मुनि क्षमानन्दी महाराज के पावन सानिध्य में यहां घण्टाघर स्थित आदिनाथ मंदिर में श्री सिद्धचक्र महामण्डल विधान का आयोजन किया जा रहा है। विधानाचार्य मनोज शास्त्री के निर्देशन में चल रहे विधान के दौरान सोमवार को श्रावक—श्राविकाओं ने सिद्ध भगवान के 256 गुणों की पूजा की तथा श्रीफल अर्घ्य समर्पित किए। कोटा से आए शानू हर्ष एण्ड पार्टी के कलाकारों ने सुमधुर भजनों की रसगंगा बहाई। प्रवक्ता रमेश जैन ने बताया कि सुबह जलाभिषेक, शांतिधारा, नित्य पूजन आदि का आयोजन हुआ। धर्मसभा को संबोधित करते हुए आचार्य इन्द्रनन्दी महाराज ने कहा कि धर्म जोड़ने का कार्य करता है। जैन धर्म शाश्वत धर्म है। जिन दर्शन में जीवन मूल्यों का सार है। इसे अपनाने से मनुष्य के जीवन में प्रगति के नए रास्ते खुलते हैं। विधान के दौरान शाम को आरती, भक्ति संगीत, शास्त्र स्वाध्याय, प्रश्नोत्तरी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।
सुमधुर भजनों की बही रसगंगा, श्री सिद्धचक्र महामण्डल विधान में समर्पित किए श्रीफल अर्घ्य
