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स्तनपान से शिशु में बढ़ती रोग प्रतिरोधक क्षमता, मां का दूध शिशु के लिए सर्वोत्तम आहार

केकड़ी: विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान पोस्टर प्रदर्शित करते यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ होम्योपैथी के विद्यार्थी।

केकड़ी, 2 अगस्त (आदित्य न्यूज नेटवर्क): डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद यूनिवर्सिटी, जोधपुर के संघटक यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ होम्योपैथी, केकड़ी में 1 से 7 अगस्त तक आयोजित विश्व स्तनपान सप्ताह के तहत जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। अभियान प्रभारी एवं सह आचार्य डॉ. संगीता जैन ने अभियान की रूपरेखा के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि विश्व स्तनपान सप्ताह का मुख्य उद्देश्य प्रसूता प्रसूता व शिशु के मध्य स्तनपान के लिए जागरुकता बढ़ाना है। प्रसव के तुरन्त बाद एक घंटे के भीतर शिशु को मां के स्तनपान से मिलने वाला गाढ़ा दूध शिशु के स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक होता है। इसीलिए शिशु को स्तनपान अवश्य कराना चाहिए। मां के दूध से बच्चे को रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है। ऐसे में शुरुआत के 6 माह तक शिशु को केवल स्तनपान ही कराना चाहिए।

केकड़ी: विश्व ​स्तनपान सप्ताह के दौरान पोस्टर बनाते यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ होम्योपैथी के विद्यार्थी।

अभियान के दूसरे दिन डॉ. दिशा सिंह, डॉ. आस्था माथुर एवं डॉ. कनुप्रिया के निर्देशन में पोस्टर मेकिंग गतिविधि आयोजित की गई। विद्यार्थियों ने स्तनपान के बारे में जागरुकता के संदेश देते हुए पोस्टर तैयार किए। आयोजन में सह आचार्य डॉ. पुनीत आर. शाह, डॉ. जुनुन अली व डॉ. राजेश मीणा, सहायक आचार्य डॉ. देवेन्द्र नामा एवं कॉलेस से संबंद्ध अस्पताल की वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ. मधुबाला रजक ने सहयोग किया।

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