Friday, August 15, 2025
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स्वर्ण मण्डित रथ व चांदी की निहालकी में विराजमान हुए श्रीजी, शोभायात्रा में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

केकड़ी, 03 अप्रेल (आदित्य न्यूज नेटवर्क): केकड़ी में सोमवार को श्वेताम्बर व दिगम्बर जैन समाज के संयुक्त तत्वावधान में महावीर स्वामी का जन्म कल्याणक महोत्सव विविध कार्यक्रमों के साथ आयोजित किया गया। महोत्सव की मंगल बेला में प्रभात फेरी निकाली गई। बाद में चन्द्रप्रभु जैन चैत्यालय में ध्वजारोहण एवं वरिष्ठजन सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इसके बाद सकल जैन समाज की ओर से चन्द्रप्रभु जैन चैत्यालय से भव्य शोभायात्रा निकाली गई। जो घण्टाघर, सदर बाजार, खिड़की गेट, अस्पताल मार्ग, अजमेरी गेट, घण्टाघर होते हुए पुन अपने गंतव्य पर पहुंच कर सम्पन्न हुई।

गूंजे महावीर के जयकारे मुनि सिद्धेश्वर सागर जी महाराज आदि ठाणा 2 एवं साध्वी शुभदर्शना श्रीजी आदि ठाणा 3 के पावन सानिध्य में निकाली गई शोभायात्रा में बैण्ड-बाजे, आकर्षक झांकिया, बच्चों व महिलाओं द्वारा किया गया घोष वादन, चांदी की निहालकी एवं स्वर्ण मण्डित तीन रथ आकर्षण का केन्द्र रहे। तीनों रथों एवं निहालकी जी में श्रीजी की प्रतिमाओं को विराजित किया गया।

पुष्पवर्षा से किया स्वागत बोलीदाताओं के परिवारजन ने घोड़े व बग्घी में बैठने का सौभाग्य प्राप्त किया। रास्ते में कई स्थानों पर स्वागत द्वार सजाए गए। कस्बेवासियों ने पुष्पवर्षा कर शोभायात्रा का स्वागत किया। शोभायात्रा के दौरान कस्बा भगवान महावीर के नारों से गुंजायमान हो गया। जुलूस मार्ग में कई स्थानों पर श्रद्धालुओं की ओर से शीतल पेय आदि की व्यवस्था की गई।
केकड़ी में महावीर जयंती पर निकाली गई शोभायात्रा में शामिल मुनिसंघ एवं पुरूष वर्गं।
भगवान महावीर सम्पूर्ण जगत के लिए पूजनीय शोभायात्रा के बाद चन्द्रप्रभु जैन चैत्यालय में धर्मसभा का आयोजन किया गया। धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि सिद्धेश्वर सागर महाराज ने कहा कि भगवान महावीर केवल जैनों के नहीं अपितु सम्पूर्ण जगत के लिए पूज्यनीय है। भगवान महावीर ने जिन सिद्धान्तों का प्रतिपादन वर्षों पूर्व किया वे आज के समय में भी समानुकुल प्रतीत होते है। वर्तमान को वर्धमान की आवश्यकता है। अहिंसा, अपरिग्रह, अचैर्य ऐसे शाश्वत सिद्धान्त है जिन पर चल कर मनुष्य जीवन को सफल बनाया जा सकता है।
केकड़ी में महावीर जयंती पर निकाली गई शोभायात्रा में शामिल साध्वी मण्डल एवं महिलाएं।
लाखों लोगों के जीवन की दशा व दिशा बदली धर्मसभा को संबोधित करते हुए साध्वी शुभदर्शना ने कहा कि भगवान महावीर धन व ऐश्वर्य से परिपूर्ण राजकुमार थे लेकिन सांसारिक मोह माया को छोडकर उन्होंने संयम पथ को अंगीकार किया और लाखों लोगों को बोध देकर उनके जीवन की दशा व दिशा बदल दी। महावीर जयंती की पूर्व संध्या पर विभिन्न मंदिरों में विविध धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। शोभायात्रा के बाद अजमेर रोड स्थित कटारिया ग्रीन्स में सामूहिक भोज का आयोजन हुआ। जिसमे सकल जैन समाज के महिला पुरूषों ने भाग लिया।
“कैमरे की नजर से” महावीर जयंती पर सकल जैन समाज की ओर से निकाली गई शोभायात्रा।
जुलूस में सबसे आगे चल रहे जैन धर्म की पताका थामे घुड़सवार।









केकड़ी में महावीर जयंती पर निकाली गई शोभायात्रा में शामिल जैन समाज की महिलाएं।
घोष वादन करते बच्चे।
केकड़ी में महावीर जयंती पर निकाली गई शोभायात्रा में शामिल बच्चे।
केकड़ी में महावीर जयंती पर निकाली गई शोभायात्रा में शामिल जैन समाज के लोग।



शोभायात्रा में शामिल श्रीजी का रथ।
केकड़ी में महावीर जयंती पर निकाली गई शोभायात्रा में बग्घी में सवार श्रद्धालु।

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