Wednesday, April 30, 2025
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हमारी सुध लो और हमें बचाओ सरकार… समय कम है और हम भी जीना चाहते है…

केकड़ी, 24 अगस्त (आदित्य न्यूज नेटवर्क): दुर्लभ बीमारी ड्यूकेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (डीएमडी) से पीड़ित बच्चों के अभिभावकों ने गुरुवार को यहां जिला कलक्टर कार्यालय में एडीएम दिनेश चन्द्र धाकड़ को मुख्यमंत्री के नाम लिखा ज्ञापन सौंप कर सहायता की गुहार लगाई है। अभिभावकों ने ज्ञापन में बताया कि केकड़ी विधानसभा क्षेत्र में कुल 6 बच्चे उपरोक्त बीमारी से ग्रसित है। इस बीमारी का अब तक कोई इलाज नहीं है। इसका सहायक उपचार भी काफी महंगा है। ऐसे में वे अपने आप को असहाय महसूस कर रहे है।

लगा चुके है कई बार गुहार ज्ञापन में उन्होंने बताया कि वे जयपुर जाकर कई बार धरना प्रदर्शन कर चुके है तथा सरकार के उच्च पदस्थ लोगों से मिलकर सहायता की गुहार लगा चुके है। लेकिन आज तक किसी तरह की सार्थक कार्रवाई नहीं हुई। गत मई माह में मुख्यमंत्री के सचिव ने 15 दिन में उपचार की समुचित व्यवस्था करवाने एवं आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाने के लिए आश्वस्त किया। लेकिन आज दिन तक किसी तरह की सहायता नहीं मिली।
सहायक उपचार बेहद महंगा ड्यूकेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (डीएमडी) जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करने वाली दुर्लभ बीमारियों में से एक है। मांसपेशियों की कमजोरी का कारण बनने वाली इस समस्या के शिकार लोगों के लिए जीवन काफी कठिन माना जाता है। यह मुख्यरूप से डायस्ट्रोफिन नामक प्रोटीन में कमी के कारण होती है। यह प्रोटीन मांसपेशियों की कोशिकाओं को स्वस्थ रखने और इनके विकास में मदद करता है। एक अनुमान के मुताबिक लंबे समय तक चलने वाले इसके सहायक उपचार के लिए प्रतिवर्ष लगभग 2 से 3 करोड़ रुपए खर्च हो जाते है।

कम होती जा रही है जीवन की आशा ज्ञापन देने आए अभिभावकों ने रूंधे गले से बताया कि घर जाते है तो बच्चों की स्थिति देखी नहीं जाती। वे एक ही गुहार लगाते है कि समय कम है और हमें भी जीना है। लेकिन सरकारी रवैये से उनके जीवन की आशा बेहद कम होती जा रही है। केकड़ी क्षेत्र में ड्यूकेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (डीएमडी) से पीड़ित कुल 6 बच्चे है। इसमे सांपला निवासी रामदयाल चौधरी के दो बच्चे एवं निमोद निवासी भगवान सिंह राठौड़, रामपाली निवासी सत्यनारायण शर्मा, सुनारिया निवासी ओमप्रकाश धाकड़ व डोराई निवासी जितेन्द्र सिंह का एक बच्चा शामिल है।

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