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हिट एंड रन केस मामले में मृताश्रितों को 58.23 लाख रुपए का मुआवजा देने के निर्देश, पूर्व विधायक के बेटे व वाहन स्वामी से वसूल की जाएगी राशि

प्रतीकात्मक फोटो

केकड़ी, 13 अगस्त (आदित्य न्यूज नेटवर्क): राजधानी जयपुर के बहुचर्चित 7 साल पुराने बीएमडब्ल्यू हिट एंड रन केस में एमएसीटी मामलों की विशेष अदालत ने पूर्व विधायक के बेटे सिद्धार्थ महरिया व वाहन स्वामी को दुर्घटना में मारे गए ऑटो चालक व दो सवारियों के आश्रितों को 58.23 लाख रुपए का मुआवजा ब्याज सहित देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि एक्सीडेंट के समय चालक सिद्दार्थ महरिया शराब के नशे में था और ऐसे में उसने बीमा पॉलिसी की शर्तों का उल्लंघन किया। एमएसीटी कोर्ट की जज मोहिता भटनागर ने मैना देवी सहित अन्य की क्लेम याचिकाओं पर यह आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि आश्रितों को पहले टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी पूरी मुआवजा राशि का भुगतान करे। यह राशि पे एंड रिकवर के आधार पर वाहन चालक सिद्धार्थ महरिया व वाहन स्वामी नंदकिशोर महरिया से वसूल की जाए।

अलग से केस करने की नहीं होगी जरूरत कोर्ट ने कंपनी से कहा कि हादसे में मारे गए कैलाश के आश्रितों को 17,17,604 रुपए, जेठानंद के आश्रितों को 9,20,432 व मृतक विशनदास के आश्रितों को 31,85,388 रुपए भुगतान किए जाए। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बीमा कंपनी को वसूली के लिए अलग से केस करने की जरूरत नहीं होगी। प्रकरण में मृतक कैलाश की पत्नी मैना देवी की ओर से अधिवक्ता दिलीप वर्मा, मृतक विशन दास की पत्नी कांता की ओर से अधिवक्ता डॉ. मनोज आहूजा व अजीत कुमार एवं मृतक जेठानंद की माता लाजवंती व पिता भावन दास की ओर से अधिवक्ता अनूप पारीक ने पैरवी की।

क्या है मामला एक जुलाई 2016 की रात को जयपुर में करीब एक बजे ऑटो चालक कैलाश ऑटो में जेठानंद, विशनदास व अनिल सोनी को ले जा रहा था। सेंट जेवियर स्कूल चौराहे पर तेज गति से आई बीएमडब्ल्यू कार ने ऑटो को टक्कर मारी, जिससे अनिल के अलावा तीनों की मौत हो गई। सुनवाई के दौरान कोर्ट को पता चला कि पूर्व एमएलए के पुत्र सिद्धार्थ ने घटना से पहले दोस्तों के साथ शराब का सेवन किया था। टकराने के बाद ऑटो करीब 131 फीट दूर जाकर गिरा। बाद में कार ने पुलिस की पीसीआर वेन को भी टक्कर मारी।

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