Saturday, March 15, 2025
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ध्वजारोहण व घटयात्रा के साथ हुआ श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान का शुभारम्भ, भजनों की बही रसगंगा

केकड़ी, 26 जून (आदित्य न्यूज नेटवर्क): यहां देवगांव गेट के समीप स्थित चन्द्रप्रभु चैत्यालय में नौ दिवसीय श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान का शुभारम्भ मुनि सुश्रुत सागर महाराज एवं क्षुल्लक सुकल्प सागर महाराज के पावन सानिध्य में किया गया। पंडित देवेन्द्र जैन एवं पंडित विवेक जैन के निर्देशन में धार्मिक अनुष्ठान किए गए। शुरुआत ध्वजारोहण से हुई। ध्वजारोहण का लाभ प्रकाशचंद, शिखरचंद, सुभाषचंद, निर्मल कुमार कटारिया परिवार ने प्राप्त किया। इस दौरान चंद्रप्रभु जैन चैत्यालय से घटयात्रा निकाली गई। जिसमे महिलाएं मस्तिष्क पर मांगलिक कलश धारण कर चल रही थी। घटयात्रा पारसनाथ मंदिर, लाभचंद मार्केट, सब्ज़ी मंडी, गणेश प्याऊ, घंटाघर, होते हुए वापस चैत्यालय पहुंची। यहां मंडप शुद्धि एवं प्रतिष्ठा, आचार्य निमंत्रण सकलीकरण एवं बोलियों द्वारा मांगलिक कार्यों में मुख्य भूमिका निभाने के लिए पात्रो का चयन इंद्र प्रतिष्ठा के रूप में किया गया।
केकड़ी: ध्वजारोहण करते कटारिया परिवार के सदस्य।

इन्हें मिला लाभ भंवरलाल अरिहंत कुमार बज परिवार को सौधर्म इंद्र, मनीष कुमार आशीष कुमार टोंग्या परिवार को यज्ञनायक, महावीर प्रसाद सूरज कुमार टोंग्या परिवार को धनकुबेर, इंद्र चेतन कुमार मनीष कुमार टोंग्या परिवार को ईशान इन्द्र, विनय कुमार विनोद कुमार पाटनी परिवार को सनत कुमार इंद्र, चेतन कुमार अनिल कुमार रांवका परिवार को महेन्द्र इंद्र एवं डाॅ अर्पित एवं प्राची पाटनी परिवार को श्रीपाल मैना सुंदरी बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इसी प्रकार दीप प्रज्जवलन शीतल कुमार अनमोल कुमार कटारिया परिवार ने एवं महामंडल महाआरती पदम कुमार विनय कुमार कटारिया परिवार ने की। पांडाल मण्डल का उद्घाटन भंवर लाल अरिहंत कुमार बज परिवार ने किया। जिनेन्द्र प्रभु की प्रथम शांतिधारा करने का सौभाग्य छीतरमल दीपक कुमार बाकलीवाल परिवार एवं दूसरी तरफ से शांतिधारा करने का सौभाग्य चांदमल शीतल कुमार जैन पारा वालों ने प्राप्त किया।

प्रभु की पूजा से होती पुण्य की प्राप्ति इस दौरान टीकमगढ़ से आए संगीतकार पुष्पेन्द्र एण्ड पार्टी के कलाकारों ने सुमधुर भजनों की रसगंगा बहाई। भजनों की प्रस्तुतियों के दौरान श्रावक श्राविकाओं ने भाव विभोर होकर नृत्य किया। धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि सुश्रुत सागर महाराज ने कहा कि जिनेन्द्र प्रभु की पूजा से सांसारिक जीवन में सुख समृद्धि के साथ मन में शांति बढ़ती है। प्रभु की पूजा से पुण्य की प्राप्ति होती है। परमात्मा के प्रति शंका रहित आराधना सद्गुणों को प्राप्त कराती है। शाम को भक्ति संगीत एवं शास्त्र प्रवचन सहित विविध धार्मिक आयोजन आयोजित किए गए।

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