केकड़ी, 26 जून (आदित्य न्यूज नेटवर्क): केकड़ी जिला बन चुका है। लेकिन आज भी यहां की यातायात व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है। बेतरतीब वाहन पार्किंग एवं दुकानों के बाहर अस्थाई अतिक्रमण के कारण यातायात जाम आम है। जिधर भी जाओ वहां जाम का नजारा दिखाई देता है। वेंडर जोन पॉलिसी की अनुपालना नहीं होने से ठेला संचालकों ने मनमर्जी चला रखी है। यातायात व्यवस्था बे-लगाम होने के कारण लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। यातायात प्रबंधन की समुचित व्यवस्था नहीं होने से वाहन चालक व थड़ी संचालक मनमर्जी का राज चला रहे है। कोई भी किसी की सुनने के लिए तैयार ही नहीं है। सोमवार को प्रमुख बाजारों में सुबह से लेकर शाम तक कई बार जाम लगा। जूनियां गेट से घण्टाघर एवं अजमेरी गेट से घण्टाघर तक स्थिति बदहाल रही। इस दौरान जिधर जाओ उधर जाम नजर आ रहा था। वाहन फंसे होने से यातायात रेंगते हुए चलते रहे। आड़े-तिरछे खड़े मालवाहक वाहनों के कारण पूरी व्यवस्था मजाक बन कर रह गई है। नो-एण्ट्री में अनाधिकृत प्रवेश, बेतरतीब वाहन पार्किंग व दुकानदारों द्वारा किए गए अस्थाई अतिक्रमण परेशानी का सबब बने हुए है।
केकड़ी: बेतरतीब वाहन पार्किंग के कारण घण्टाघर के समीप लगा जाम।
व्यस्ततम इलाके अजमेरी गेट, सदर बाजार, घण्टाघर चौराहा, जूनियां गेट, बस स्टैण्ड, तहसील कार्यालय, जलदाय विभाग कार्यालय, तीनबत्ती चौराहा, ब्यावर रोड़ चौराहा, जयपुर रोड पुरानी चुंगी चौकी, देवगांव गेट, पाल टाकीज रोड सहित अन्य इलाकों में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। इन जगहों पर बेतरतीब वाहन पार्किंग, ठेले-थडिय़ों व अस्थाई अतिक्रमण के कारण पूरे दिन यातायात प्रभावित रहता है। अधिकांश जगहों पर फल-सब्जी वालों का कब्जा है। छोटा मोटा सामान बेचने वाले थड़ी चालकों ने बाजार में पूरी सडक़ों पर कब्जा कर रखा है। पूरे शहर में सब्जी मंडी से चार गुना ज्यादा हाथ-ठेले खड़े रहते है। गणेश प्याऊ क्षेत्र में दोनों तरफ के दुकानदारों ने आधी सडक़ पर सामान फैला रखा है जिससे 22 फीट चौड़ी सडक केवल 8 फीट की रह गई है।
सुचारू होनी चाहिए नो—एण्ट्री की व्यवस्था प्रशासन ने दरवाजों के अन्दर की यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए चारदीवारी क्षेत्र में सुबह 10 बजे से सायं चार बजे तक भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित कर रखा है। इसके लिए पालिका प्रशासन ने सभी प्रमुख दरवाजों पर लोहे की सांकल लगवा रखी है। लेकिन सांकल लगाने की व्यवस्था नियमित नहीं होने से टैम्पो, ट्रैक्टर, हाथ ठेला व अन्य वाहन चालकों ने इस व्यवस्था को मजाक बनाकर रख दिया गया है। यहां वाहन चालक बेधडक नो-एण्ट्री क्षेत्र में घुस जाते है तथा आवागमन में बाधा बनते है साथ ही अपने वाहन में ओवरलोड माल भरकर यातायात को बाधित करते है। आड़े-तिरछे वाहन कोढ़ में खाज बन कर व्यवस्था को चिढ़ाते है। आमजन का मानना है कि बढ़ते यातायात के दबाव को देखते हुए पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मियों की नियुक्ति करनी होगी तभी व्यवस्था में सुधार आ पाएगा।