Thursday, March 13, 2025
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भामाशाहों व प्रेरकों का किया सम्मान, सरकारी स्कूलों की दशा बदलने में दिया है अतुलनीय योगदान

केकड़ी, 11 सितम्बर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक कार्यालय केकडी के तत्वावधान में सोमवार को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय केकड़ी में जिला स्तरीय भामाशाह एवं प्रेरक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में भामाशाह राकेश कुमार विजयवर्गीय, निशा विजयवर्गीय अजमेर, महेंद्र पाटनी, धन्नाराम डूडी किशनगढ़ एवं प्रेरक विष्णु शर्मा सीबीईओ केकड़ी अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। अध्यक्षता जिला शिक्षा अधिकारी केकड़ी गोविंद नारायण शर्मा ने की। शुरुआत दीप प्रज्जवलन से हुई। डीईओ गोविन्द नारायण शर्मा ने कार्यक्रम की प्रस्तावना पर प्रकाश डालते हुए बताया कि राजस्थान के प्रत्येक जिले में भामाशाह व प्रेरक सम्मान समारोह का आयोजन किया जा रहा है। जिसमे सरकारी स्कूलों में विकास कार्यों में सहयोग करने वाले भामाशाहों व प्रेरकों का सम्मान किया जा रहा है। केकड़ी जिले के अंतर्गत राकेश कुमार विजयवर्गीय अजमेर जो कि पेट्रोल पंप के व्यवसायी है। उन्होंने अपने पैतृक गांव सरसड़ी स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में 12 लाख (बारह लाख) रुपए की लागत से बड़ा हॉल व बरामदे का निर्माण करवाया।
केकड़ी: जिला स्तरीय समारोह में भामाशाह का सम्मान करते शिक्षा विभाग के अधिकारी।

स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र भेंट किया इसी प्रकार किशनगढ निवासी महेंद्र पाटनी व धन्नाराम डूडी ने महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय बघेरा में 1.50 लाख रुपए के विकास कार्य करवाए। शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार समारोह के दौरान दोनों भामाशाहों को केकडी जिला स्तर पर सम्मानित कर स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र भेंट किया गया। इसी प्रकार भामाशाहों को प्रेरित करने के लिए सीबीईओ विष्णु शर्मा को भी प्रेरक भामाशाह सम्मान से सम्मानित कर प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। भामाशाह राकेश कुमार विजयवर्गीय ने बताया कि वो एक मध्यम परिवार से निकले है। उनके पिता सरसड़ी में सरकारी अध्यापक थे। उनकी शिक्षा भी गांव के इसी स्कूल में हुई थी। आज वे अजमेर व नसीराबाद में पेट्रोल पंप का व्यवसाय कर रहे है। अपने पिताजी व माताजी की पुण्य स्मृति में उन्होंने यह कार्य किया है। कार्यक्रम में भामाशाह प्रेरक मित्र व्याख्याता पारस मल, पारसकुमार, अनिल मंत्री, चन्द्रकला जैन, रेखा माहेश्वरी, संगीता जैन व व्याख्याता राजेन्द्र जैन, विनोद जैन, जितेंद्र बज, रामधन प्रजापत आदि मौजूद रहे।

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