Saturday, August 16, 2025
Homeसमाजतपस्या की अनुमोदना के लिए निकाली शोभायात्रा, तप आराधिका का किया बहुमान

तपस्या की अनुमोदना के लिए निकाली शोभायात्रा, तप आराधिका का किया बहुमान

केकड़ी, 12 सितम्बर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): जैन साध्वी सौम्य प्रभा, साध्वी सौम्या दर्शना, साध्वी अक्षय दर्शना, साध्वी परम दर्शना के पावन सानिध्य में गुरुवार को केकड़ी में विविध आयोजन हुए। स्वाति लोढ़ा द्वारा ग्यारह उपवास की तपस्या करने पर शहर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई। जुलूस के दौरान तप आराधिका को दो घोड़ों की बग्घी में बैठाया गया। रास्ते में कई स्थानों पर आकर्षक रंगोली सजाई गई। इस मौके पर श्वेताम्बर जैन समाज के अनेक जने मौजूद रहे।

केकड़ी: धर्मसभा में प्रवचन करती साध्वीजी।

साध्वी मण्डल के पगल्ये करवाए बैण्ड बाजों व नासिक के ढोल ताशों के साथ निकाली गई शोभायात्रा सब्जी मण्डी स्थित उपासरे से रवाना हुई। जो नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए मास्टर कॉलोनी, अजमेर रोड स्थित मनोज लोढ़ा के निवास स्थान पहुंची। यहां साध्वी मण्डल के पगल्ये करवाए गए। इसके बाद जुलूस अजमेर रोड स्थित कटारिया ग्रीन्स पहुंचा। यहां धर्मसभा का आयोजन किया गया। धर्मसभा के बाद तप आराधिका स्वाति लोढ़ा का अभिनन्दन किया गया। संचालन जितेन्द्र सिंघवी ने किया।

केकड़ी: तपस्वी के सम्मान में निकाली गई शोभायात्रा में मौजूद पुरुष वर्ग।

त्याग के लिए गुरु का सानिध्य जरुरी धर्मसभा को संबोधित करते हुए साध्वी सौम्य दर्शना ने कहा कि दान त्याग का साधन है और त्याग करने के लिए गुरू का सानिध्य जरूरी है। चंचल मन त्याग नहीं करने देता है। लेकिन गुरू का सानिध्य मिलने से त्याग के प्रति प्रेरणा जागृत होती है। आत्मकल्याण एवं राग द्वेष की निवृति के लिए त्याग की भावना होनी चाहिए।

केकड़ी: तपस्वी के सम्मान में निकाली गई शोभायात्रा में मौजूद साध्वी मण्डल एवं महिला वर्ग।

समता भाव धारण करने से जीवन बनता सफल इस दौरान साध्वी अक्षय दर्शना ने कहा कि सुख-दुख को कर्मों का उदय मानकर समता भाव धारण करने से ही जीवन सफल बन सकता है। सम्यक चिंतन से ही गलत कार्यों की निंदा की जा सकती है तथा बुद्धि का सही विकास होने पर ही शोधन एवं प्रायश्चित किया जा सकता है। धर्मसभा के बाद तप की अनुमोदना के लिए चौबीसी का आयोजन किया गया।

RELATED ARTICLES