केकड़ी, 30 दिसम्बर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): राजस्थान सरकार द्वारा केकड़ी जिले को समाप्त करने का फैसला लोगों को रास नहीं आ रहा है। फैसले के विरोध में क्षेत्र के लोग मुखर होने लगे है। सोमवार को जिला बार एसोसिएशन की साधारण सभा की बैठक आयोजित की गई। बैठक में सरकार के निर्णय की कड़ी आलोचना की गई तथा इसे जनविरोधी करार दिया गया। बैठक में सर्वसम्मति से केकड़ी जिले की बहाली के लिए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने सहित कई अन्य तरीकों से विरोध करने की रूपरेखा तय की गई।
कड़े शब्दों में जताया विरोध बार एसोसिएशन अध्यक्ष डॉ. मनोज आहूजा ने कहा कि सरकार का यह कदम क्षेत्र के विकास और प्रशासनिक सेवाओं के लिए हानिकारक साबित होगा। इस फैसले से न केवल केकडी के विकास को झटका लगेगा बल्कि यहां के निवासियो को प्रशासनिक कार्यों के लिए भारी परेशानी का सामना करना पडेगा। उन्होंने कड़े शब्दो में सरकार के फैसले का विरोध करते हुए केकडी को फिर से जिला बनाने की मांग की। इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता हेमंत जैन, शैलेंद्र सिंह राठौड़, नितिन जैन, अशुतोष शर्मा, सीताराम कुमावत सहित अन्य अधिवक्ताओं ने भी इस फैसले की आलोचना की और इसे जनभावनाओं के विरुद्ध बताया।

इन निर्णयों पर लगी मुहर बैठक में आपसी चर्चा के बाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने, केकड़ी शहर में विशाल रैली निकालने तथा प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम लिखा ज्ञापन सौंपने, फैसले के विरोध में हर महीने की 28 तारीख को “ब्लैक डे” मनाने एवं 3 जनवरी से 10 दिन तक न्यायालय परिसर में सुबह 10 से 12 बजे तक सांकेतिक धरना देने तथा अन्य निरस्त जिलों के बार एसोसिएशनों का समर्थन लेकर आंदोलन को और अधिक प्रभावी बनाने एवं आम जनता व सामाजिक संगठनों से समर्थन लेने का निर्णय किया गया।
ये रहे मौजूद इस मौके बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष शिवप्रसाद पाराशर, महासचिव मुकेश शर्मा, कोषाध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह राठौड, पुस्तकालध्यक्ष इमदाद अली, वित सचिव रामेश्वर कुमावत, अधिवक्ता परवेज नकवी, हनुमान प्रसाद शर्मा, रामसिंह राठौड, निरंजन चौधरी, लोकेश शर्मा, अशफाक हुसैन, नवलकिशोर पारीक, सुरेन्द्र धन्नावत, कालूराम गुर्जर, खुशीराज चौधरी, शिवप्रकाश चौधरी, रोडूमल सोलंकी, हरिराम चौधरी, सुरेन्द्र सिंह कान्दलोत, भाावेश जैन, योगेश कोरवानी, पवन राठी सहित कई वकील मौजूद रहे।