केकड़ी. नीरज जैन ‘लोढ़ा’ (आदित्य न्यूज नेटवर्क) केकड़ी में जयपुर रोड पर नायकी गांव में तीन सौ फीट ऊंची पहाड़ी पर स्थित माता अन्नपूर्णा व माता आशापुरा का मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केन्द्र है। यहां नवरात्रा में सैंकड़ों माथुर कायस्थ परिवार अपने बच्चों के जडूले उतारने, विवाहोपरान्त वर-वधु को आशीर्वाद दिलाने एवं मन्नत मांगने आते है तथा मनोकामना पूरी होने पर सपरिवार मत्था टेकने आते है। वहीं क्षेत्र के हजारों लोग श्रद्धापूर्वक पूजा-अर्चना करते है तथा माता से मनौती मांगते है।

शेर पर सवार होकर आई थी दोनों देवियां मंदिर पुजारी विष्णु शर्मा के अनुसार नायकी ग्राम में उंची पहाड़ी पर स्थापित नायकी माता का मंदिर जो कि असल में माथुर कायस्थों की चौरासी धाराओं में से एक धारा माणक भंडारी गौत्र वत्स की कुल देवी माता अन्नपूर्णा व आशापुरा माता का मंदिर है। बताया जाता है कि हजारों वर्ष पूर्व दोनों देवियां शेर पर सवार होकर यहां पहाड़ी पर बने मंदिर में आई थी। जो नायक समाज के द्वारा बसाए गए ग्राम नायकी की पहाड़ी के मंदिर में विराजमान हो गई। तब मंदिर के तत्कालीन पुजारी रोजाना की तरह पूजा अर्चना की तैयारी कर रहे थे। तभी अचानक आंखे चुंधिया देने वाली प्रकाश किरणों से पुजारी हतप्रभ रह गए। तब माता अन्नपूर्णा व आशापुरा माता ने उन्हें साक्षात दर्शन देकर कहा कि वे अब इस पहाड़ी पर ही रहेंगी। इसके बाद पुजारी ने विशेष पूजा-अर्चना की तथा बड़ी धूमधाम के साथ माताजी की प्रतिमाओं को स्थापित किया। इस कार्य में अजमेर स्टेट के जूनियां दरबार ने विशेष भूमिका निभाई।

पर्यटन स्थल के रूप में हो सकता है विकसित इस मंदिर में माथुर कायस्थों के अलावा खंडेलवाल सहित अन्य जाति के लोग भी यहां श्रद्धापूर्वक माता के दर्शन के लिए आते है। विशेष तौर पर नवरात्रा के दिनों में। पुजारी विष्णु शर्मा के अनुसार उनके पूर्वज करीब 20 पीढ़ियों से इस मंदिर में माता की सेवा चाकरी करते आ रहे है। उन्होंने बताया कि यहां सच्चे मन से अरदास करने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण होती है। बहुत से लोग तो दूरदराज से यहां नवरात्रा में पैदल चलकर माता के दरबार में पहुंचते है। धीरे-धीरे श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। ग्रामीणों के अनुसार सुविधाओं का विस्तार हो तो नायकी माताजी के मंदिर को प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है।