Wednesday, April 30, 2025
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श्रीमद्भागवत आलौकिक ग्रन्थ, इसमे समाहित सभी सम्प्रदाय, जाति, वर्ण एवं देश के उद्धार की भावना

केकड़ी (आदित्य न्यूज़ नेटवर्क) शक्करगढ़ स्थित श्री अमर ज्ञान निरंजनी आश्रम के महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी जगदीशपुरी ने कहा कि भगवान प्रत्येक प्राणी के ह्रदय में विद्यमान है तथा वही है जो सबको जीवन जीने की राह बताता है। वे गीता भवन में सत्संस्कार सेवा समिति के तत्वावधान में भगतानी परिवार की ओर से आयोजित भागवत कथा में प्रवचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भागवत आलौकिक ग्रन्थ है इसमें सभी सम्प्रदाय, जाति, वर्ण एवं देश के उद्धार की भावना समाहित है। भागवत का एकमात्र लक्ष्य है कि विश्व के प्रत्येक मानव का कल्याण हो। भागवत का पाठ करने से व्यक्ति को शांति का अहसास होता है। महाभारत के युद्ध के समय जब अर्जुन को स्वजनो से राग, मोह व शोक हो रहा था तब भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को निमित्त बनाकर सर्वजगत को गीता का उपदेश दिया था। व्यक्ति जो भी कार्य करे वह निष्काम भाव से करे तो सफलता मिलना निश्चित है। मन को परमात्मा की भक्ति में तल्लीन कर दें यही धर्म है। कथा के अंत में आयोजक देवन भगतानी एवं परिवारजनों ने भागवतजी की आरती की। सत्संस्कार सेवा समिति के चन्द्रप्रकाश विजयवर्गीय ने बताया कि प्रतिदिन 8.30 बजे से 11.30 बजे तक एवं दोपहर 3 बजे से सायं 6 बजे तक कथामृत की गंगा प्रवाहित हो रही है।

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