केकड़ी, 07 जून (आदित्य न्यूज नेटवर्क): अजमेर जिले के गुलगांव में जन्मे और पूरे विश्व में अपनी हास्य कविताओं और संवेदनशील गीतों से अजमेर का मान बढ़ाने वाले विश्वविख्यात हास्य कवि एवं संवेदनशील गीतकार स्वर्गीय श्री सुरेन्द्र दुबे की स्मृति में इस वर्ष भव्य “सुरेन्द्र दुबे स्मृति सम्मान 2025” समारोह एवं अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन 18 जून को किया जाएगा। यह निर्णय श्री सुरेन्द्र दुबे स्मृति संस्थान के पदाधिकारियों की शनिवार को आयोजित वर्चुअल बैठक में लिया गया।

कमेटी ने किया निर्णय: संस्थान के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश दुबे ने बताया कि घंटाघर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिवर्ष दिया जाने वाला “सुरेन्द्र दुबे स्मृति सम्मान 2025” अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त गीतकार विष्णु सक्सेना, सिकन्दराराऊ को प्रदान किया जाएगा। पिछले वर्ष यह आयोजन नहीं हो पाया था इसलिए 2024 का सम्मान भी इसी समारोह में वीर रस के सुप्रसिद्ध प्रतिष्ठित कवि हरिओम पंवार मेरठ को दिए जाने की घोषणा की गई है। 19 जून को स्वर्गीय सुरेन्द्र दुबे की जन्म तिथि है। उसी के परिप्रेक्ष्य में दोनों वर्षों के पुरस्कार एवं सम्मान के साथ कवि सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय कमेटी द्वारा किया गया है।

पांच कवि पहले हो चुके है सम्मानित: यह प्रतिष्ठित पुरस्कार अब तक देश के ख्याति प्राप्त हास्य कवि सुरेन्द्र शर्मा नई दिल्ली, प्रतिष्ठित फिल्मी गीतकार संतोष आनंद नई दिल्ली, पद्मश्री अशोक चक्रधर नई दिल्ली, डॉ. कीर्ति काले नई दिल्ली एवं पं. सत्यनारायण सत्तन इंदौर को प्रदान किया गया है। पुरस्कार के रूप में एक लाख ग्यारह हजार एक सौ ग्यारह रुपए नगद एवं प्रतीक चिन्ह आदि दिए जाते है। देश भर में किसी कवि की स्मृति में व्यक्तिगत संस्थान द्वारा दिए जाने वाले पुरस्कारों में यह विशिष्ट सम्मान है। हाल ही में भारतीय सेना द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत प्रदर्शित सेना के अतुलित पराक्रम के मद्देनजर इस आयोजन को सैनिकों को समर्पित किया गया है।

नामचीन कवि करेंगे काव्यपाठ: कार्यक्रम में देश के नामचीन कवियों को आमंत्रित किया जाएगा। इस अवसर को भव्य और श्रेष्ठतर बनाने हेतु कमेटियों का भी गठन किया गया है। महोत्सव के रूप में आयोजित होने वाले इस आयोजन की तैयारियां प्रारंभ कर दी गई है। बैठक में संस्थान के सचिव डॉ. अविनाश दुबे, प्रमुख मानद सदस्य केंद्रीय साहित्य अकादमी से पुरस्कृत साहित्यकार एवं ख्याति प्राप्त कवि एवं गीतकार डॉ. कैलाश मंडेला, अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवयित्री डॉ. कीर्ति काले, युवा गीतकार ईशान दुबे, वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र जोशी, शिक्षाविद् सुभाष जैन, बहादुर सिंह, रामधन प्रजापत, मुकेश जैन, वीरेंद्र मित्तल, बृजराज शर्मा, अनिरुद्ध दुबे एवं स्थानीय गणमान्य सदस्यों ने भाग लिया।