Tuesday, October 14, 2025
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डाई नदी में बही 40 वर्षीय महिला, एसडीआरएफ ने शुरू किया तलाशी अभियान, पुलिया निर्माण की धीमी गति पर फूटा ग्रामीणों का आक्रोश, बोले-ठेकेदार की लापरवाही के कारण हुआ हादसा

केकड़ी, 07 अक्टूबर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): गोयला-ब्यावर स्टेट हाइवे पर जावला में पुलिया निर्माण कार्य में ठेकेदार की कथित घोर लापरवाही व धीमी गति के कारण मंगलवार को एक बड़ा हादसा हो गया। सुबह 5:30 बजे जावला डाई नदी के तेज बहाव में 40 वर्षीय महिला बह गई। घटना की सूचना मिलते ही पूरे गांव में सनसनी फैल गई। परिजनों सहित सैकड़ों ग्रामीण तुरंत मौके पर पहुंचे व महिला की तलाश शुरू की, लेकिन महिला का कुछ पता नहीं चला। सूचना पर मौके पर पहुंची एसडीआरएफ की टीम ने तलाशी अभियान शुरू किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार को क्षेत्र में हुई मूसलाधार बरसात के कारण डाई नदी में पानी का बहाव बेहद तेज हो गया।

केकड़ी: जावला में हादसे के बाद मौके पर जमा ग्रामीण।

पुलिस व प्रशासन के अधिकारी पहुंचे मौके पर: बताया जाता है कि मंगलवार सुबह रामघणी जाट पत्नी पूरण जाट नदी के किनारे गोबर डालने आई थी। हाथ-पैर धोने के दौरान पैर फिसलने से वह नदी के तेज बहाव की चपेट में आ गई और बह गई। घटना की सूचना पर उपखण्ड अधिकारी सुभाष चन्द्र हेमानी, पुलिस उप अधीक्षक हर्षित शर्मा, सरवाड़ थानाधिकारी गिरिराज सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। सूचना के बाद मौके पर एसडीआरएफ की टीम को बुलाकर तलाशी अभियान शुरू किया गया। फिलहाल एसडीआरएफ की टीम महिला की तलाश में जुटी हुई है। इस मौके पर सरपंच कंचन देवी मेघवंशी, पूर्व प्रधान कैलाश मेघवंशी सहित सैकड़ों ग्रामीण मौजूद है।

ग्रामीणों ने जताया रोष: हादसे के बाद ग्रामीणों ने पुलिया निर्माण ठेकेदार की लापरवाही पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया है। ग्रामीणों ने बताया कि एक वर्ष पहले शुरू हुआ पुलिया निर्माण कार्य अब तक मात्र 40 प्रतिशत ही पूरा हो पाया है। नदी में बार-बार आए उफान से ठेकेदार द्वारा बनाया गया वैकल्पिक मार्ग अब तक 6 बार बह चुका है। वैकल्पिक मार्ग के बह जाने से जावला सहित दर्जनों गांवों का आवागमन पिछले 7 दिनों से पूरी तरह ठप है। इसके चलते गांव के दूसरी ओर स्थित स्कूल में बच्चे नहीं पहुंच पा रहे हैं, जिससे उनकी पढ़ाई चौपट हो गई है। ग्रामीणों ने मांग की है कि प्रशासन इस गंभीर लापरवाही का संज्ञान ले तथा पुलिया निर्माण को प्राथमिकता से पूरा कराए, ताकि इस तरह के जानलेवा हादसे व जनता की परेशानी खत्म हो सके।

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