केकड़ी, 19 अगस्त (आदित्य न्यूज नेटवर्क): कोटा के एक नेत्रहीन भक्त की अटूट आस्था व हिम्मत की कहानी इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। कोटा के खटाना गांव निवासी सुरेश कुमार माली जो आंखों से देख नहीं सकते, वे 8वीं बार बाबा रामदेव की 600 किलोमीटर की लंबी पदयात्रा पर निकले है। उनका कहना है कि अगर इंसान के मन में सच्ची आस्था हो तो कोई भी बाधा उसे रोक नहीं सकती।माली ने बताया कि उनकी पदयात्रा में बाबा रामदेव हमेशा उनके साथ चलते महसूस होते हैं। वे आंखों से देख नहीं सकते है लेकिन राह में कभी कोई अड़चन नहीं आई। उनका मानना है कि जब भगवान श्रीराम की कृपा हो जाती है तो बाकी सारी मुश्किलें खुद ही दूर हो जाती है। आज उनकी प्रेरणा से उनके बच्चे पढ़ लिखकर बड़े सरकारी पदों पर कार्यरत है। वे कहते है कि यह सब प्रभु की कृपा है।

अब तक कर चुके है कई यात्राएं: सुरेश कुमार माली बताते है कि उनकी यात्रा रात में भी जारी रहती है। क्योंकि अंधेरा तो दिखने वालो के लिए होता है। उन्होंने ब्यावर की खतरनाक घाटियों को भी रात 12 बजे पार किया है। इस दौरान कई वाहन चालकों ने रुककर उनका हौसला बढ़ाया। बाबा रामदेव की यात्रा के अलावा माली अब तक कई अन्य लंबी पदयात्राएं कर चुके है। जिनमें चौथ का बरवाड़ा, खाटू श्याम, काम खेड़ा बालाजी, रामगढ़ माता व उज्जैन महाकाल की यात्राएं शामिल हैं। उनका कहना है कि वे इन यात्राओं के माध्यम से लोगों में धर्म की भावना जगाने का प्रयास कर रहे है। उनकी यह यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है। बल्कि यह एक प्रेरणादायक कहानी है जो बताती है कि दृढ़ इच्छाशक्ति व विश्वास से हर चुनौती को पार किया जा सकता है।