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श्रद्धा व भक्ति का अनुपम उदाहरण: 92 वर्षीय उगम कंवर ने ग्रहण की जैन भगवती दीक्षा, नया नाम मिला महासती श्री मंगलप्रभा, स्थानक में गूंजा अनुमोदना का जयघोष

केकड़ी: उगम कंवर नौलखा (फाइल फोटो)

केकड़ी, 03 जून (आदित्य न्यूज नेटवर्क): यहां सब्जी मंडी स्थित जैन स्थानक भवन मंगलवार को उस समय ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बना, जब 92 वर्षीय उगम कंवर ने जैन भगवती दीक्षा ग्रहण कर महासती श्री मंगलप्रभा जी म.सा. के रूप में आध्यात्मिक पथ पर अपना जीवन समर्पित किया। जैन आचार्य श्री विजयराज जी म.सा. की विशेष आज्ञा से यहां विराजित महासती श्री राजश्री जी म.सा. ने नवदीक्षिता का प्रत्यख्यान करवाया। इस पावन अवसर पर पूरा प्रांगण भगवान महावीर स्वामी की जय…, दीक्षार्थी अमर रहे… एवं अनुमोदना अनुमोदना के जयघोष से गूंज उठा।

दो पुत्रियों पहले से है दीक्षित: संघ अध्यक्ष अशोक लोढ़ा ने बताया कि केकड़ी में विराजित महासती शील प्रभा जी म.सा. (दीक्षा 1992) एवं महासती सत्य प्रभा जी म.सा. (दीक्षा 1998) की सांसारिक माताजी जगपुरा निवासी उगम बाई नौलखा (धर्म सहायक: स्मृति शेष श्री फतहलाल जी नौलखा) ने पिछले कई समय से दीक्षा लेने का सपना संजो रखा था। गत रात्रि को आचार्यश्री से आज्ञा मिलने पर मंगलवार को बेहद सादगीपूर्ण कार्यक्रम में महासती श्री राजश्री जी म.सा. ने दीक्षा विधि सम्पन्न कराई। दीक्षा के बाद उगम कंवर नौलखा को नया नाम महासती श्री मंगलप्रभा जी म.सा. प्रदान किया गया।

स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हुआ आज का दिन: महासती राजश्री जी ने प्रवचन करते हुए कहा कि 92 वर्ष की आयु में दीक्षा ग्रहण करना न केवल उगम कंवर की अटूट श्रद्धा और वैराग्य का प्रतीक है, बल्कि यह सकल जैन समाज के लिए एक महान प्रेरणा भी है। यह घटना केकड़ी श्री संघ के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो गई है। इस अवसर पर ब्यावर निवासी सचिन गादिया ने जाग सके तो जगाना है… भजन प्रस्तुत कर धर्मसभा को मंत्रमुग्ध कर दिया। सभा का संचालन मंत्री रिखब सोनी ने किया। इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनने के लिए सकल जैन संघ के प्रबुद्ध जन व बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

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