केकड़ी, 29 सितंबर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): केकड़ी को जिला बनाने के निर्णय को राज्य सरकार द्वारा वापस लिए जाने की मासिक बरसी पर बार एसोसिएशन केकड़ी के बैनर तले अधिवक्ताओं ने जोरदार विरोध दर्ज कराया। अवकाश के कारण एक दिन बाद सोमवार को अधिवक्ताओं ने इसे ‘ब्लैक डे’ के रूप में मनाया। विरोध प्रदर्शन के दौरान अधिवक्ताओं ने कोर्ट परिसर में काली पट्टी बांधी, न्यायिक कार्य का पूर्ण बहिष्कार किया एवं उपखंड अधिकारी दीपांशु सांगवान को मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के नाम लिखा ज्ञापन सौंपा। बार एसोसिएशन अध्यक्ष मनोज आहूजा ने कहा कि केकड़ी को जिला बनाए जाने से क्षेत्र में प्रशासनिक सुगमता, विकास व न्यायिक व्यवस्था में सुधार हुआ था। लेकिन सरकार के इस निर्णय ने क्षेत्र की जनता के साथ अन्याय किया है।

जनभावानाओं के साथ खिलवाड़: पूर्व बार अध्यक्ष चेतन धाभाई, भूपेंद्र सिंह व रामावतार मीना सहित अन्य ने कहा कि केकड़ी की जनता ने लंबे संघर्ष के बाद जिले का दर्जा हासिल किया था। इस दर्जे को बिना किसी सुनवाई के छीन लेना जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने केकड़ी को वापस जिला नहीं बनाया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। वरिष्ठ अधिवक्ता हेमंत जैन ने इस मुद्दे को प्रशासनिक से कहीं अधिक क्षेत्र की अस्मिता से जुड़ा सवाल बताया। अधिवक्ताओं ने कोर्ट में सुनवाई से पूर्व शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हुए “जिला बचाओ – केकड़ी बचाओ” के नारे लगाए। इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता सलीम गौरी ने गीत-गजल सुनाकर साथी अधिवक्ताओं का हौसला बढ़ाया।

जिला घोषित करने की मांग: मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन में प्रमुख रूप से मांग की गई है कि केकड़ी को पुनः जिला घोषित किया जाए, जिससे क्षेत्र की जनता को पहले जैसी प्रशासनिक सुविधा फिर से मिल सके। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि जब कई अन्य क्षेत्रों को जिले का दर्जा दिया गया है, तो केकड़ी को वापस लेना पक्षपातपूर्ण व असंवेदनशील निर्णय है। इस मौके पर वरिष्ठ अधिवक्ता मोहम्मद सईद नकवी, मगन लाल लोधा, पवन सिंह भाटी, परवेज नकवी, मुकेश शर्मा, धर्मेंद्र सिंह राठौड़, लक्ष्मी चंद मीणा, हनुमान प्रसाद शर्मा, विजेंद्र पाराशर, दिनेश पारीक, रामप्रसाद कुमावत, शैलेन्द्र सिंह राठौड़, इमदाद अली, अनिल शर्मा, महावीर गुर्जर समेत अनेक अधिवक्ता मौजूद रहे।