केकड़ी, 30 अप्रेल (आदित्य न्यूज नेटवर्क): दिगम्बर जैनाचार्य इन्द्रनंदी महाराज के पावन सानिध्य में बुधवार को अक्षय तृतीया पर्व विविध धार्मिक कार्यक्रमों के साथ आयोजित किया गया। इस मौके पर बोहरा कॉलोनी स्थित शिवम वाटिका में आयोजित धर्म सभा में प्रवचन करते हुए बालाचार्य निर्पुण नंदी महाराज ने कहा कि अक्षय तृतीया अक्षय और शुभ फलदायी है। भगवान आदिनाथ के प्रथम पारणा महोत्सव का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि राजा श्रेयांश ने इस दिन इक्षु रस से आहार दान देकर पुण्य प्राप्त किया था। उन्होंने कहा कि सभी प्रकार के दान श्रेष्ठ हैं, लेकिन साधु-संतों की आहार क्रिया को निर्विघ्न संपन्न कराना सबसे उत्तम दान है। महाराज ने भगवान आदिनाथ के वैराग्य और मानव जाति के उत्थान के लिए उनके संदेशों पर भी प्रकाश डाला।

मनुष्य गति प्राप्त करना पुण्य का फल धर्मसभा को संबोधित करते हुए आर्यिका स्वस्ति भूषण माताजी ने कहा कि चौरासी लाख योनियों में जन्म लेने के बाद मनुष्य गति प्राप्त करना पुण्य का फल है। इस गति में मोक्ष, संयम और धर्म के ज्ञान को समझना संभव है। उन्होंने कहा कि मनुष्य सबसे अधिक आसक्ति अपने शरीर से रखता है, जबकि शरीर तो जड़ है और आत्मा भिन्न है। आत्मा में रमण करने और कायोत्सर्ग द्वारा समाधि अवस्था में पहुंचने पर किसी प्रकार का कष्ट नहीं होता। उन्होंने बताया कि धर्म की साधना मनुष्य को कभी बूढ़ा नहीं होने देती और मनुष्य गति एक चिंतामणि रत्न के समान है, जिसे भोग में नहीं खोना चाहिए, बल्कि परमात्मा बनने की शक्ति को बनाए रखना चाहिए।

घटयात्रा में सिर पर धारण किए कलश मीडिया प्रभारी रमेश बंसल व पारस जैन ने बताया कि आर्यिका संघ के सानिध्य में सुबह जिनाभिषेक, शांतिधारा, जिनेंद्र अर्चना और अन्य धार्मिक क्रियाएं संपन्न हुईं। इसके बाद श्री ऋषभदेव जिनालय से बैंड-बाजों के साथ घट यात्रा निकाली गई। जिसमें महिलाओं ने सिर पर मंगल कलश धारण किए हुए थे। यह यात्रा श्री नेमीनाथ मंदिर पहुंची जहां श्रीजी को समवशरण में विराजमान किया गया। सौधर्म इन्द्र परिवार और अन्य इंद्रों ने भक्ति संगीत के साथ चतुर्विध संघ के सानिध्य में अभिषेक और शांतिधारा की। चित्र अनावरण, दीप प्रज्ज्वलन, पाद प्रक्षालन व शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य मेहरूकलां के रमेश चंद्र, धर्मचंद, मनीष कुमार बंसल परिवार को प्राप्त हुआ।

ध्वजारोहण के साथ कल्पद्रुम विधान का हुआ आगाज समाज के अध्यक्ष ज्ञान चंद जैन ज्वेलर्स व मंत्री कैलाश जैन मावा वालों ने बताया कि गुरुवार से प्रारंभ होने वाले कल्पद्रुम महामंडल विधान के लिए विधान स्थल पर मुनि संघ व आर्यिका संघ के सानिध्य में महावीरप्रसाद, सुनील कुमार, अनिल कुमार, संजय कुमार, पाक्षिक मित्तल परिवार ने ध्वजारोहण किया। विधानाचार्य के निर्देशन में भूमि शुद्धि, मंडप शुद्धि व इंद्र प्रतिष्ठा जैसे कार्यक्रम संपन्न हुए। शाम को आरती, भक्ति संगीत व आनंद यात्रा के साथ श्री भक्तामर स्त्रोत महामंडल स्रोत के 48 रजत दीपकों को 48 श्रावक श्रेष्ठियों ने समर्पित किया। समाज के अमरचंद चैरूका ने बताया कि विधान के दौरान प्रतिदिन मुनि संघ व आर्यिका संघ के प्रवचन होंगे।
