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तथाक​थित बाबा के खिलाफ 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला का अनशन पांचवे दिन भी जारी, बुजुर्ग छोटूलाल का राजकीय जिला अस्पताल में चल रहा है उपचार

केकड़ी: सावर में उपखण्ड कार्यालय के बाहर परिवार की महिलाओं के साथ अनशन पर बैठी बुजुर्ग महिला।

केकड़ी, 16 नवंबर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): तथाकथित लाल धागा बाबा की मनमानी से प्रताड़ित होकर सावर उपखंड कार्यालय के बाहर जारी अनशन पांचवें दिन भी जारी रहा। 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला शायरी देवी अपने परिवार के साथ रविवार को भी अनशन पर बैठी रही। वहीं अनशन पर बैठे 80 साल के बुजुर्ग छोटूलाल की शनिवार को तबियत खराब हो गई। तभी से उनका केकड़ी जिला अस्पताल में उपचार जारी है। बुजुर्ग दंपति व उनके परिजन 500 साल पुराने भैरुजी मंदिर को तोड़ने के मामले में कथित लाल धागा बाबा को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे है। उनका कहना है कि जब तक उन्हें न्याय नही मिलेगा वे अनशन से नही उठेगें। बुजुर्ग दम्पत्ति का कहना है कि लगातार दस दिन से वे परिवार के साथ सर्दी में रात भर एसडीएम कार्यालय के बाहर सड़क के किनारे धरने व अनशन पर बैठे है। लेकिन फिर भी प्रशासन ने कोई सुनवाई नहीं की है।

सावर थाना पुलिस में दर्ज है मुकदमा: विरोध प्रदर्शन व अनशन के बावजूद कोई कार्रवाई नही होने से पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर भी लगातार सवाल उठ रहे है। 80 साल के बुजुर्ग दंपति सहित परिवार पुलिस प्रशासन पर लाल धागा बाबा के प्रभाव में आकर उनके पुत्र सत्यनारायण पर द्वेषता पूर्ण कार्यवाही का आरोप लगाते हुए अनशन पर बैठे है। कथित लाल धागा बाबा के खिलाफ कई शिकायतें है पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नही की है।गौरतलब है कि मेहरुखुर्द में 500 साल पुराने भैरुजी के चबूतरे व प्रतिमा को तोड़ने के मामले में सावर पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज है। परिवार का आरोप है कि मामले में पुलिस कथित लाल धागा बाबा के खिलाफ कोई कार्रवाई नही कर रही है।

तथाकथित बाबा ने मीडिया को बताया राक्षस: तथाकथित लाल धागे बाबा के खिलाफ चल रहे धरना-प्रदर्शन की लगातार कवरेज करने पर अब तथाकथित बाबा मीडिया को ही निशाने पर लेने लगा है। प्रदर्शन से जुड़े समाचारों के प्रकाशित होते ही बाबा का मानसिक संतुलन बिगड़ता सा दिख रहा है और उसने हाल ही में अपनी कोठी में आयोजित एक सभा के दौरान मीडिया कर्मियों पर अनर्गल टिप्पणी करते हुए उन्हें राक्षस तक कह दिया। बाबा की इस अभद्र टिप्पणी के बाद क्षेत्र के मीडियाकर्मियों में गहरा रोष व्याप्त हो गया है। मीडियाकर्मियों ने कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर इस प्रकार का हमला किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है और जल्द ही बाबा के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी। मीडिया कर्मियों ने स्पष्ट किया कि धरना-प्रदर्शन से जुड़े समाचारों का प्रकाशन करना उनका दायित्व है और वे किसी भी प्रकार के दबाव में आए बिना निष्पक्ष व तथ्यात्मक खबरों का प्रकाशन जारी रखेंगे।

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