केकड़ी, 20 अक्टूबर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): दीपोत्सव के दूसरे दिन 22 अक्टूबर को समीपवर्ती सांपला में विश्व प्रसिद्ध व अनूठा गाय मेला आयोजित होगा। अन्नकूट महोत्सव के दौरान आयोजित होने वाले इस मेले में एक अद्भुत दृश्य देखने को मिलेगा। इस दौरान सींग पर ठीकरा लगी गायें हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच से दौड़ती भगवान द्वारकाधीश गोपाल जी महाराज के विमान (पालकी) के नीचे से होकर मंदिर पहुंचेगी। यह गाय मेला विश्वभर में अपनी तरह का एकमात्र आयोजन है। किंवदंतियों के अनुसार सांपला स्थित भगवान श्री गोपाल जी महाराज का मंदिर 600 वर्ष से अधिक पुराना है।
600 साल से अधिक पुरानी है परंपरा: इस मंदिर की स्थापना की कहानी भक्त दामोदर दास महाराज से जुड़ी है। जिन्होंने कठोर तपस्या की तथा हाथों में तुलसी उगाकर नंगे पांव द्वारका तक यात्रा की। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान ने उन्हें दर्शन दिए और वचन दिया कि वे मंगसर बुद्ध नवमी संवत 1474 के दिन हजारों बैलों के झुंड में कावरिया बैल की पीठ पर सवार होकर (बृजभानपुरी) सांपला आएंगे। भगवान के इसी वचन के अनुसार दीपावली के दूसरे दिन से मंदिर में भव्य आयोजन की परंपरा चली आ रही है।
मेले का विशिष्ट स्वरूप: मेले के दौरान भगवान द्वारकाधीश मंदिर से आधा किलोमीटर दूर ‘भक्त शिरोमणि अहिल्याबाई’ को वचन अनुसार दिव्य झांकी दर्शन देते हैं। इसके बाद वे मेला मैदान स्थित कीर्ति स्तंभ के पास अपने विमान में विराजमान रहते हैं। इस दौरान भक्तजन भजनों की प्रस्तुति देते है और चार पुजारी भगवान के बेवान को अपने हाथों में उठाए रखते हैं। उत्सव का सबसे रोमांचक क्षण तब आता है जब गायों पर गंगाजल डालकर उनके सींगों में ठीकरा घुमाया जाता है। (इनपुट सहयोग: फतेह सिंह राठौड़, सांपला)