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शाही लवाजमे के साथ निकलेगी बाबा महाकाल की सवारी, कार्यकर्ताओं ने कसी कमर, तैयारियों को दिया अंतिम रूप

केकड़ी, 24 फरवरी (आदित्य न्यूज नेटवर्क): बाबा महाकाल सेवक समिति के तत्वावधान में महाशिवरात्रि के अवसर पर 26 फरवरी को बाबा महाकाल की शाही सवारी निकाली जाएगी। बाबा महाकाल की मनमहेश प्रतिमा की भव्य शाही सवारी को लेकर समिति के पदाधिकारी लगातार बैठकें कर तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे हुए है। इस बार समिति में एक हजार से अधिक नए सेवक जोड़े गए है तथा शाही सवारी को सफल बनाने के लिए विभिन्न मंदिर कमेटियों के सदस्यों को व्यवस्थार्थ लगाया जा रहा है। समिति सदस्यों ने बताया कि शाही सवारी में शामिल होने वाले सेवकों को शुभ्र वस्त्र व पहचान पत्र वितरण का कार्य मंदिर परिसर में शुरू कर दिया गया है।

केकड़ी: सेवकों को वस्त्रादि वितरित करते कार्यकर्ता।

यह रहेगा भ्रमण मार्ग महाशिवरात्रि के दिन सुबह 9.15 बजे विधिवत पूजा अर्चना के बाद महाकाल बाबा की मनमहेश प्रतिमा का नगर भ्रमण शुरु होगा। जो पुलिस थाने के बाहर से होकर तीनबत्ती चौराहा, अजमेरी गेट, घण्टाघर, सदर बाजार, खिड़की गेट, लोढ़ा चौक, चारभुजा मंदिर, माणक चौक, सूरजपोल गेट, हरिजन बस्ती, भैरू गेट, बडा गुवाड़ा, सरसड़ी गेट, बस स्टैण्ड, अजमेर रोड बीजासण माता मंदिर होते हुए पुनः तत्कालेश्वर महादेव मंदिर पहुंच कर सम्पन्न होगा।

यह रहेंगे आकर्षण का केन्द्र शाही सवारी के दौरान नासिक के ढोल, महाबली हनुमान, महाबली शंकर, उज्जैन की अघौरी टीम व उज्जैनी तोप आकर्षण का केन्द्र रहेगी। वहीं शाही सवारी के दौरान 21 क्विंटल गुलाल व 50 क्विंटल फूलों की वर्षा की जाएगी। इसी के साथ एक दर्जन अलग अलग देवी देवताओं की आकर्षक झांकियां सवारी में शामिल होगी। शाही सवारी के मार्ग पर आकर्षक रंगोलिया बनाई जाएगी तथा व्यापारी वर्ग सहित विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संगठनों द्वारा जगह जगह पर शाही सवारी का भव्य स्वागत किया जाएगा। ​

केकड़ी: शिखर पर स्थापित होने वाले कलश।

नवनिर्मित मंदिर में विराजित होंगे बाबा महाकाल बाबा महाकाल की मनमहेश प्रतिमा को विराजित करने के लिए तत्कालेश्वर महादेव मंदिर परिसर में मंदिर का निर्माण करवाया गया है। महाशिवरात्रि पर नवनिर्मित मंदिर में विधिवत् पूजा अर्चना होगी। नगर भ्रमण के बाद बाबा महाकाल की प्रतिमा को नवनिर्मित मंदिर में विराजित किया जाएगा। इस मौके पर श्री तत्कालेश्वर महादेव, श्री बजरंग बली एवं श्री महाकाल भगवान के मंदिरों के शिखरों पर कलश स्थापना की जाएगी। सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले धर्मावलम्बी को शिखर पर कलश स्थापना का लाभ प्राप्त होगा।

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