केकड़ी, 05 अगस्त (आदित्य न्यूज नेटवर्क): अधिवक्ता मनोज आहूजा की मानहानि से जुड़े एक मामले में अपना जुर्म स्वीकार करने का आवेदन प्रस्तुत करने पर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट केकड़ी संख्या दो हिरल मीणा ने भाजपा नेता दाऊराम शर्मा को दोषी करार दिया है। न्यायालय ने दाऊराम शर्मा को एक साल तक सदाचार बनाए रखने के निर्देश दिए है साथ ही अर्थदण्ड से भी दंडित किया है। प्रकरण के अनुसार वर्ष 2014 में शर्मा ने नौ अन्य लोगों के साथ मिलकर आहूजा के खिलाफ भिनाय तहसीलदार व थानाधिकारी को एक झूठा ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन में उन्होंने आरोप लगाया था कि आहूजा ने धोखाधड़ी करके एक व्यक्ति की जमीन हड़प ली है। इस पर आहूजा ने मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाया था।

न्यायालय ने दोषी ठहराया: न्यायालय ने शर्मा द्वारा जुर्म स्वीकार करने का आवेदन प्रस्तुत करने के बाद उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि) एवं 504 (जानबूझकर अपमान) के तहत दोषी ठहराया। कोर्ट ने शर्मा को एक साल तक शांति एवं सदाचार बनाए रखने तथा इस अवधि में अपराध नहीं करने की शर्त के साथ अभियोजन व्यय के रूप में 1500 रुपए के अर्थदंड से दण्डित करने के आदेश पारित किए है। इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए अधिवक्ता मनोज आहूजा ने कहा कि शर्मा ने झूठा शपथ पत्र पेश किया है, जिसमें उन्होंने इसे अपना पहला अपराध बताया है। जबकि शर्मा के खिलाफ यह तीसरा मामला है और उन्हें पहले भी एक अन्य मामले में परिवीक्षा का लाभ मिल चुका है। आहूजा ने कहा कि वह इस तथ्य को न्यायालय के सामने लाकर आगे की कार्रवाई करेंगे।
