Monday, September 8, 2025
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दसलक्षण महापर्व: उत्तम संयम धर्म पर हुए धार्मिक अनुष्ठान एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम, युगल नृत्य प्रतियोगिता में बच्चों ने दिखाया उत्साह

केकड़ी, 02 सितम्बर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): बोहरा कॉलोनी स्थित श्री नेमिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में चल रहे दसलक्षण महापर्व के छठे दिन उत्तम संयम धर्म की आराधना की गई। इस दौरान धार्मिक अनुष्ठान, प्रवचन व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। जिसमें बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग शामिल हुए। दिन की शुरुआत प्रतिदिन की तरह संगीतमय शांतिधारा व अभिषेक के साथ हुई। श्री नेमिनाथ भगवान की शांतिधारा का सौभाग्य पारस मल महावीर प्रसाद, लाभचंद बघेरा एवं अशोक कुमार धनेश कुमार जैन छाबड़िया परिवार ने प्राप्त किया। शांतिधारा के बाद दसलक्षण धर्म महाविधान का आयोजन किया गया। जिसमें 22 श्रीफल अर्घ्य समर्पित किए गए।

संयम से होता है आंतरिक शक्ति का विकास: समाज के मंत्री कैलाश चंद जैन व मीडिया प्रभारी पारस जैन ने बताया कि इस अवसर पर पंडित निकेत शास्त्री ने उत्तम संयम धर्म पर विस्तार से प्रवचन दिए। उन्होंने बताया कि संयम का अर्थ है पंच इंद्रियों (स्पर्श, रसना, घ्राण, दृष्टि व श्रोत्र) को उनके विषयों में आसक्त होने से रोकना। उन्होंने कहा कि संयम से आंतरिक शांति व आत्मिक विकास होता है। जो व्यक्ति को मुक्ति के मार्ग पर ले जाता है। उन्होंने सभी को मन, वचन व काया पर नियंत्रण कर आत्मा की शुद्धि करने का संदेश दिया।

केकड़ी: नेमीनाथ मंदिर में आरती के लिए जाती महिलाएं।

सांस्कृतिक कार्यक्रम व महाआरती: शाम को दैनिक सामयिक प्रतिक्रमण के बाद जैन समाज के 12 परिवारों ने अपने मोहल्ले से संगीतमय महाआरती का जुलूस निकाला। यह जुलूस मंदिर पहुंचकर सम्पन्न हुआ। जहां भव्य महाआरती का आयोजन किया गया। सोमवार रात्रि को महिलाओं द्वारा एक लघु नाटिका ‘नियम का फल’ का मनमोहक मंचन किया गया। इस नाटिका के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि एक छोटा-सा नियम भी किसी के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है। नाटिका के मंचन में निकेत भैया व लक्ष्मी जैन ने सहयोग किया। सभी प्रतिभागियों को निहालचंद गणेशचंद जैन की ओर से पुरस्कृत किया गया।

केकड़ी: चन्द्रप्रभु चैत्यालय में युगल नृत्य में भाग लेने वाले प्रतिभागी।

श्री दिगंबर जैन महिला मंडल ने कराई युगल नृत्य प्रतियोगिता: दसलक्षण महापर्व के पावन अवसर पर श्री दिगंबर जैन महिला मंडल की ओर से बच्चों के लिए युगल नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। ‘उत्तम सत्य’ धर्म के दिन चंद्र प्रभु चैत्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम में बच्चों ने अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया। महिला मंडल की अध्यक्षा सीमा शाह ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत महिला मंडल की सदस्याओं भावना, चीना, खुशबू, वंदना व मीनाक्षी ने मंगलाचरण से की। इस प्रतियोगिता में कुल 21 युगल प्रतिभागियों ने भाग लिया और मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुतियां दीं।

प्रश्नोत्तरी में ​बढ़-चढ़कर लिया भाग: नृत्य प्रतियोगिताओं के बीच में एक धार्मिक प्रश्नोत्तरी भी आयोजित की गई। जिसमें बच्चों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम की व्यवस्था का जिम्मा महामंत्री रेखा पांड्या, कोषाध्यक्ष किरण गंगवाल, सांस्कृतिक मंत्री खुशबू छाबड़ा व मीनाक्षी पाटनी ने बखूबी संभाला। मंच का सफल संचालन सुनीता पाटनी, निलिमा शाह व पारस बज ने किया। प्रतियोगिता के समापन पर सभी प्रतिभाशाली प्रतिभागियों को पुष्या कटारिया द्वारा पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

केकड़ी: आदिनाथ मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेती महिलाएं।

उत्तम संयम जीवन की श्वास: श्री आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में चल रहे जिन सहस्त्र नाम विधान के दौरान युवा मनीषी पंडित मनोज जैन शास्त्री बगरोही ने ‘उत्तम संयम’ को जीवन की श्वास बताते हुए महत्वपूर्ण प्रवचन दिए। उन्होंने कहा कि संयम ही इंसान को शैतान से परमात्मा बना सकता है। उन्होंने कहा कि  छोटे-छोटे नियम और व्रत धारण करके व्यक्ति महाव्रती बन सकता है। मन को जीतने से इंद्रियां वश में हो जाती हैं। उन्होंने विशेष रूप से स्पर्श और रसना इंद्रियों को साधना में सबसे बड़ी बाधा बताते हुए, इनके प्रति संयम बरतने पर आत्म-कल्याण की ओर अग्रसर होने का मार्ग बताया। उन्होंने वाणी संयम और प्राणी संयम के पालन पर जोर देते हुए कहा कि जो लोग कठोर और असंयमी होते हैं, उन्हें दुर्गति का सामना करना पड़ सकता है।

श्रद्धालुओं ने की शांतिधारा: प्रातःकाल श्रीजी का जिनाभिषेक व शांतिधारा संपन्न हुई। इसके बाद पंडित मनोज जैन शास्त्री के निर्देशन में जिन सहस्त्र नाम विधान का संगीतमय पूजन विधि से आयोजन किया गया। इस विधान का सौभाग्य सौधर्म इंद्र घीसालाल, रमेशचंद, अनिलकुमार, आकाश कुमार बंसल मेहरू, कुबेर इंद्र घीसालाल, ज्ञानचंद, मुकेशकुमार बंसल मेहरू व यज्ञनायक राजेशकुमार, कमलेशकुमार, रमेशकुमार जैन मनोहरपुरा वालों ने प्राप्त किया। दिलीप जैन ने बताया कि यह जिन सहस्त्रनाम विधान 6 सितंबर तक चलेगा। इसके बाद अनंत चतुर्दशी के दिन श्री आदिनाथ मंदिर में विराजित सभी 77 जिन प्रतिमाओं का सामूहिक अभिषेक और शांतिधारा आयोजित की जाएगी।

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