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नेमिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में दसलक्षण महापर्व की धूम, पंडित निकेत शास्त्री ने समझाया ‘उत्तम आंकिचन धर्म’ का महत्व

केकड़ी: श्री नेमिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में जलाभिषेक करते श्रद्धालु।

केकड़ी, 05 सितम्बर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): श्री नेमिनाथ दिगंबर जैन मंदिर बोहरा कॉलोनी में दसलक्षण महापर्व का नवां दिन ‘उत्तम आंकिचन धर्म’ के रूप में मनाया गया। इस दौरान प्रतिदिन की तरह संगीतमय शांतिधारा, नित्य नियम पूजा व अभिषेक का आयोजन हुआ। जिसमें संगीतकार सुमित एंड पार्टी बिजोलिया ने अपनी प्रस्तुति दी। श्री नेमिनाथ भगवान की शांतिधारा का सौभाग्य अशोक कुमार ज्ञान चंद सिंहल परिवार एवं कपूर चंद योगेश कुमार जैन परिवार को मिला। मंदिर के अध्यक्ष ज्ञान चंद जैन (ज्वैलर्स) व मंत्री कैलाश चंद जैन ने बताया कि शांतिधारा के बाद दसलक्षण धर्म महाविधान का आयोजन हुआ, जिसमें 16 श्रीफल अर्घ्य समर्पित किए गए।

केकड़ी: संगीतकार सुमित व पंडित निकेत का अभिनन्दन करते समाज के प्रबुद्धजन।

माला पहनाकर किया अभिनन्दन: पंडित निकेत शास्त्री ने ‘उत्तम आंकिचन धर्म’ पर अपने प्रवचन में कहा कि जब अपनी आत्मा के अलावा कुछ भी शेष न बचे, वही उत्तम आंकिचन कहलाता है। उन्होंने समझाया कि यदि कोई सिंह शरीर को खा जाए, तो भी देह के प्रति ममत्व नहीं रखना चाहिए। उन्होंने भरत चक्रवर्ती का उदाहरण दिया, जिन्होंने क्षण भर में छह खंडों का वैभव छोड़कर आंकिचन भावना को अपनाया था। उन्होंने सभी से परद्रव्यों के ममत्व का त्याग कर उत्तम आंकिचन धर्म को अपनाने का आग्रह किया। इस दौरान समाज के प्रबुद्धजनों ने संगीतकार सुमित एवं पंडित निकेत शास्त्री का अभिनन्दन किया।

सांस्कृतिक व धार्मिक कार्यक्रम: शाम को दैनिक सामायिक प्रतिक्रमण के बाद 12 परिवारों ने अपने मोहल्ले से संगीतमय महाआरती का जुलूस निकाला, जिसका समापन मंदिर में महाआरती के साथ हुआ।गुरुवार रात्रि को शांतिनाथ बहू मंडल के तत्वावधान में मीनाक्षी जैन व स्वाति जैन के निर्देशन में ‘एक माला प्रभु के नाम की जपते चलो’ नामक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन संयोजिका चंद्रकला जैन ने किया। मीडिया प्रभारी पारस जैन ने बताया कि सभी प्रतिभागियों को अमर चंद, अशोक कुमार व अनिल कुमार कुहाड़ा की ओर से पुरस्कृत किया गया।

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