केकड़ी, 18 जून (आदित्य न्यूज नेटवर्क): भारत विकास परिषद व पतंजलि योग समिति के संयुक्त तत्वावधान में यहां नगर परिषद रंगमंच पर चल रहे पांच दिवसीय निःशुल्क योग प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन बुधवार को भी योग साधकों में जबरदस्त उत्साह नजर आया। शिविर के दौरान लगातार हो रही रिमझिम बारिश भी योग प्रेमियों के जोश को कम नहीं कर पाई और उन्होंने समय पर शिविर स्थल पहुंचकर पूरे समर्पण भाव से योगाभ्यास किया। इस दौरान पतंजलि योग समिति के प्रभारी व योग शिक्षक जे.पी. सोनी ने खड़े होकर किए जाने वाले व्यायामों, बैठकर किए जाने वाले आसनों और विभिन्न प्राणायामों जैसे भस्त्रिका, कपालभाति, बाह्य, अनुलोम-विलोम, उज्जयी व भ्रामरी का अभ्यास करवाया। उन्होंने प्राणायाम की विधियों, सावधानियों और उनके लाभों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी, साथ ही कई सूक्ष्म व्यायाम भी करवाए।
विधायक गौतम का जताया आभार: भारत स्वाभिमान के संयोजक सत्यनारायण सोनी, महिला पतंजलि योग समिति प्रभारी रक्षा विजय, सह प्रभारी रेखा (रिंकू) विजय, सह प्रभारी सोहनलाल सिसोदिया व नन्ही योग साधिका शिवांशी सोनी ने मंचासीन रहकर योगाभ्यास में सहयोग किया। योग शिक्षक जे.पी. सोनी ने योग शिविर के लिए नगर परिषद द्वारा की गई बेहतरीन व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन विधायक शत्रुघ्न गौतम की संकल्पना व मार्गदर्शन का परिणाम है। उन्होंने विधायक के योग प्रेम और दूरदर्शी सोच के लिए आभार व्यक्त किया एवं नगर परिषद प्रशासन को भी उत्तम समन्वय और सेवाभाव के लिए धन्यवाद दिया। तहसीलदार बंटी राजपूत ने लगातार दूसरे दिन शिविर में अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर स्वयं योगाभ्यास किया व साधकों का उत्साहवर्धन किया।
20 जून तक चलेगा शिविर: भारत विकास परिषद के अध्यक्ष बहादुर सिंह शक्तावत व सचिव रामनिवास जैन ने बताया कि यह निःशुल्क योग शिविर 20 जून तक प्रतिदिन सुबह 5:30 से 7:00 बजे तक नगर परिषद रंगमंच पर जारी रहेगा। इसके बाद 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर राज्य सरकार की ओर से सामूहिक योग कार्यक्रम का आयोजन पटेल मैदान पर किया जाएगा। प्रकल्प प्रभारी व शिविर संयोजक श्याम माहेश्वरी एवं सूर्य प्रकाश विजय ने सभी योग साधकों का आभार जताया। मीडिया प्रभारी दिनेश वैष्णव ने आमजन से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में इस शिविर में भाग लेकर स्वयं को स्वास्थ्य की ओर अग्रसर करें। सत्र के अंत में सभी योग साधकों को औषधीय जूस का वितरण किया गया।