केकड़ी, 17 सितंबर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): बघेरा ग्राम में सोमवार को हजरत मोहम्मद साहब की यौमे पैदाइश पर अंजुमन नौजवान कमेटी के तत्वावधान में नूर की महफिल जलसा आयोजित किया गया। इससे पूर्व जामा मस्जिद को दुल्हन की तरह सजाया गया। रात्रि में ईशा की नमाज के बाद जलसे का आयोजन किया गया। जिसमे बाहर से आए ओलिमाओ ने मोहम्मद साहब की शान में तकरीर और नातिए कलम पेश किए। कार्यक्रम की शुरुआत जामा मस्जिद के पेश इमाम मौलाना गुलजार साहब ने कुरान की तिलावत से की। उसके बाद मदरसे में इस्लामिक तालीम लेने वाले छोटे छोटे बच्चो ने मजहबी कार्यक्रम दिए।
पेश की तकरीरे जलसे में मुख्य वक्ता के रूप में मकराना से आए हाजिर अल्लामा मौलाना असलम रब्बानी किबला ने मोहम्मद साहब की शान में ऐसी तकरीर की पूरा पंडाल नारों से गूंज उठा। उन्होंने हजरत मोहम्मद साहब की पैदाइश के साथ इस्लाम की शिक्षाओं पर जोर देते हुए नमाज रोजे और हज की फजीलत बयान की, उसके बाद कार्यक्रम को अपनी आवाज के जादू से मकराना से आए नात खा हाफिजो कारी आसिफ रजा बरकाती ने महफिल को झूमने पर मजबूर कर दिया उन्होंने क्या बताऊं केसा मेरा मदीना है उसकी आंखों का नूर तो देखो जिसने देखा मेरा मदीना है… सहित कई नाते गुनगुनाई जिससे पूरी माफिल झूम उठी।

मेहमानों को नवाजा नूर की महफिल कार्यक्रम में बस स्टेंड मस्जिद केकड़ी के पेश इमाम हजरत सईद रजा बरकाती, भट्टा कॉलोनी मस्जिद के पेश इमाम रूकमुद्दीन फेजानी, माणक चौक मस्जिद के पेश इमाम अनवारूल हक ने अपनी तकरीर से हजरत मोहम्मद साहब के चमकते नूर और उनकी निजी जिंदगी का बयान किया कि किस तरह उन्होंने इस्लाम को इस दुनिया में फैलाया। इससे पूर्व सभी ओलीमाओ का अंजुमन नौजवान कमेटी के कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया।
इन्होंने किया सहयोग इस मौके पर जुनेद सिलावट, साबिर मंसूरी, फारूक नीलगर, अरशद सिलावट, शाहरुख, फजलुर्रहमान, आदिल खान, अनवर, नौशाद शाह, सेफू खान, सोहेल अली इलियास देशवाली, अनवर देशवाली सहित अन्य ने सहयोग किया। कार्यक्रम के अंत में सभी बच्चो को इनामों इकरार से नवाजा गया। समापन के मौके पर सलातो सलाम के बाद फातिहा ख्वानी हुई और उसके बाद देश में अमन चैन खुशहाली की दुआए की गई। इस महफिल में मुस्लिम समाज के महिला पुरुष और बच्चे बड़ी संख्या में मौजूद रहे।