केकड़ी, 04 सितंबर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी जगदीश पुरी महाराज ने कहा कि मंदिर, मठ व संत हमारी संस्कृति के संवाहक है। वे गुरुवार को गीता भवन में चातुर्मास के समापन पर आयोजित श्रीमद्भागवत ज्ञान महायज्ञ के दौरान प्रवचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति केवल ग्रंथों में नहीं, जीवन में प्रकट होती है और इसे जीवित रखने का कार्य सदियों से हमारे मंदिर, मठ व संत करते आ रहे है। उन्होंने कहा कि गीता भवन जैसे संस्थान और मंदिर केवल पूजन स्थल नहीं, बल्कि लोक-जीवन की आध्यात्मिक ऊर्जा के केंद्र होते है।

मंदिर, मठ व संत का सक्रिय रहना जरूरी: स्वामीजी ने कहा कि मठ वह स्थान हैं जहां तप, त्याग और परंपरा का संरक्षण होता है और संत वही सजीव माध्यम है जो शास्त्रों को आचरण में ढालकर समाज को दिशा प्रदान करते है। उन्होंने कहा कि वर्तमान युग में जब भौतिकता व पाश्चात्य प्रभाव के कारण सांस्कृतिक मूल्यों का क्षरण हो रहा है, ऐसे समय में इन तीनों स्तंभों की उपस्थिति समाज को उसकी जड़ों से जोड़े रखने के लिए अनिवार्य है। यदि मंदिर, मठ व संत सक्रिय रहेंगे तो हमारी सांस्कृतिक आत्मा भी जीवित और जाग्रत बनी रहेगी।

चातुर्मास के समापन पर आयोजित हुई भागवत कथा: ज्ञातव्य है कि स्वामीजी अपने कृपापात्र शिष्य आचार्य हंस चैतन्य महाराज के सान्निध्य में आयोजित भागवत कथा महायज्ञ में पधारे थे। इस दौरान व्यासपीठ पर जैसे ही गुरु-शिष्य का मिलन हुआ, पूरा सदन भावविभोर हो गया और श्रद्धा से गूंजती तालियों की गड़गड़ाहट ने वातावरण को आलोकित कर दिया। यह दृश्य गुरु-शिष्य परंपरा की उस जीवंत चेतना को प्रकट कर रहा था, जो भारतीय अध्यात्म की रीढ़ है। इससे पूर्व आचार्य हंस चैतन्य महाराज ने भागवत कथा क्रम को आगे बढाते हुए श्रीमद्भागवत महापुराण के दशम स्कंध में वर्णित गिरिराज धरण की कथा प्रस्तुत की।

राधा-कृष्ण का रूप धरकर मोहा मन: कथा से पहले बढ़ते कदम महिला संस्थान की ओर से गीता भवन में राधा-कृष्ण बनो प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस दौरान संस्थान की अध्यक्ष सीमा चौधरी सहित अन्य पदाधिकारियों ने प्रतियोगिता में शामिल होने वाले सभी बच्चों को पुरस्कार दिए। इस मौके पर भागवत कथा के दौरान विशिष्ट सेवाएं देने पर श्री माहेश्वरी महिला मंडल व माधवी महिला सेवा समिति की महिला पदाधिकारियों का भी सम्मान किया गया। बढ़ते कदम गौशाला संस्थान की ओर से आनंदी राम सोमानी, रामगोपाल माली, पंकज होतचंदानी, शिवकुमार माहेश्वरी, मुकेश नुवाल, संजय अग्रवाल आदि ने स्वामी जगदीश पुरी महाराज का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन सुरेंद्र जोशी ने किया।