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दशलक्षण महापर्व में भक्ति की बहार, समझाया उत्तम शौच धर्म का मर्म, पुष्पदंत भगवान के मोक्ष कल्याणक पर चढ़ाया निर्वाण लाडू

केकड़ी: नेमीनाथ मंदिर में शांतिधारा करते श्रद्धालु।

केकड़ी, 31 अगस्त (आदित्य न्यूज नेटवर्क): बोहरा कॉलोनी स्थित श्री नेमिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में चल रहे दशलक्षण महापर्व का चौथा दिन उत्तम शौच धर्म के रूप में मनाया गया। इस दौरान भगवान पुष्पदंत का मोक्ष कल्याणक महोत्सव भी श्रद्धा व भक्ति के साथ संपन्न हुआ।भगवान पुष्पदंत के निर्वाण लड्डू चढ़ाने का सौभाग्य अशोक कुमार ज्ञान चंद सिंघल को मिला। कार्यक्रम की शुरुआत प्रतिदिन की तरह संगीतमय शांतिधारा, नित्यनियम पूजा व अभिषेक से हुई। श्री नेमिनाथ भगवान की शांतिधारा का पुण्यार्जन माणक चंद पीयूष कुमार जैन व ओमप्रकाश गोविंद योगेश कुमार सदारा ने किया।

विधान पर समर्पित किए श्रीफल अर्घ्य: समाज के संरक्षक अमर चंद चोरुका व भाग चंद धूंधरी ने बताया कि शांतिधारा के बाद दशलक्षण धर्म महाविधान का आयोजन हुआ। जिसमें 17 श्रीफल अर्घ्य समर्पित किए गए। इस अवसर पर पंडित निकेत शास्त्री ने प्रवचन देते हुए कहा कि “तन की शुद्धि स्नान से, मन की शुद्धि ध्यान से व धन की शुद्धि दान से होती है।” उन्होंने यह भी समझाया कि उत्तम शौच धर्म केवल शारीरिक शुद्धता नहीं, बल्कि मन, वचन व कर्म की आंतरिक शुद्धता पर भी जोर देता है।

सांस्कृतिक आयोजन: शाम के समय सामयिक प्रतिक्रमण के बाद समाज के 12 परिवारों ने अपने मोहल्ले से संगीतमय महाआरती का जुलूस निकाला जो मंदिर पहुंचकर सम्पन्न हुआ। महाआरती के बाद विनोद जैन ने मधुर भजनों की प्रस्तुतियां दी। मीडिया प्रभारी पारस जैन ने बताया कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों के तहत शनिवार रात्रि को शांतिनाथ बहु मंडल की ओर से आयुषी सिंघल व एकता रांटा के मार्गदर्शन में बच्चों के लिए “एक मिनट प्रतियोगिता” का आयोजन किया गया। संचालन मीनाक्षी जैन ने किया। विजेता बच्चों को भागचंद ज्ञानचंद भगत की ओर से पुरस्कृत किया गया।

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