Sunday, July 20, 2025
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शिव महापुराण कथा में भक्ति का प्रवाह, गणेश जन्म व विवाह प्रसंग में झूमे श्रद्धालु

केकड़ी, 19 जुलाई (आदित्य न्यूज नेटवर्क): देवगांव गेट स्थित गोशाला सत्संग भवन में स्वर्गीय मदन सिंह भाटी व बरजी देवी की पुण्य स्मृति में आयोजित नौ दिवसीय शिव महापुराण कथा का छठा दिन शनिवार को अत्यंत भक्तिमय रहा। श्रीधाम वृंदावन से पधारे सुप्रसिद्ध कथावाचक भगवताचार्य पंडित योगेंद्र कृष्ण महाराज ने श्री गणेश जन्म व श्री गणेश विवाह के अद्भुत प्रसंगों का भावपूर्ण वर्णन कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने कहा कि श्री गणेश का जन्म माता पार्वती के उबटन से हुआ था। जब भगवान शिव कैलाश पर नहीं थे, तब माता पार्वती को स्नान करना था। उन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए एक ऐसे पुत्र की कामना की, जो केवल उनकी आज्ञा का पालन करे। उन्होंने अपने शरीर के उबटन से एक बालक की प्रतिमा बनाई और उसमें प्राण फूंक दिए। यही बालक गणेश कहलाया।

बुद्धि की विजय: गणेश विवाह के प्रसंग का वर्णन करते हुए पंडित जी ने कहा कि जब गणेश जी और कार्तिकेय जी के विवाह की बात चली। तब नारद मुनि ने एक प्रस्ताव रखा कि जो पहले पृथ्वी की परिक्रमा करके आएगा, उसी का विवाह पहले होगा। ऐसा सुनते ही कार्तिकेय अपने मोर पर परिक्रमा करने निकल पड़े। लेकिन गणेश जी ने अपनी बुद्धि का प्रयोग किया। उन्होंने अपने माता-पिता, भगवान शिव और माता पार्वती की सात परिक्रमा की, यह तर्क देते हुए कि माता-पिता में ही समस्त सृष्टि समाहित है। उनकी बुद्धिमत्ता से प्रसन्न होकर उनका विवाह रिद्धि और सिद्धि से कराया गया। जिनसे शुभ और लाभ का जन्म हुआ।

उमड़े श्रद्धालु: कथा के दौरान आयोजक महावीर सिंह भाटी, सूरज कंवर भाटी सहित अन्य परिवारजनों व श्रद्धालुओं ने व्यास पीठ की आरती की। कथा महोत्सव में बड़ी संख्या में भक्तगण उपस्थित रहे। आयोजक परिवार के नरेन्द्र सिंह भाटी ने बताया कि कथा महोत्सव के तहत 20 जुलाई को तुलसी महिमा, शिव के अनेक अवतार व भक्त उपमन्यु की कथा, 21 जुलाई को श्री नर्मदा महिमा, श्री सोमनाथ व श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग महिमा एवं 22 जुलाई को द्वादश ज्योतिर्लिंग कथा, कथा विश्राम व व्यास पूजन का कार्यक्रम होगा।

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