केकड़ी, 16 फरवरी (आदित्य न्यूज नेटवर्क): संत शिरोमणि प्रख्यात दिगम्बर जैन आचार्य विद्यासागर जी महाराज के प्रथम समाधि दिवस महोत्सव के अंतर्गत चैत्यालय मंदिर में छत्तीसगढ़ प्रांत के डोंगरगढ़ क्षेत्र से लाए गए आचार्य विद्यासागरजी महाराज के चरण चिन्हों की रविवार को सुबह हर्षोल्लास के साथ भक्तिभावपूर्वक स्थापना की गई। इसके अंतर्गत वेदी के पुण्यार्जक कैलाशचंद सोनी परिवार तथा चरण चिन्ह स्थापित करने के पुण्यार्जक प्रेमचन्द पांड्या परिवार बने।
शिक्षा के लिए उठाया महत्वपूर्ण कदम इस अवसर पर केकड़ी के जिनागम सेवा संघ के तत्वावधान में आधुनिक सुविधा युक्त आचार्य ज्ञानसागर पाठशाला कक्ष का चैत्यालय परिसर में शुभारंभ किया गया। इस दौरान पाठशाला के बालकों को उपहार स्वरूप बैग एवं अन्य सामग्री प्रदान की गई। इससे पूर्व पाठशाला के बच्चों द्वारा डॉ किरण शास्त्री, अंकित शास्त्री, विवेक शास्त्री व निकेत शास्त्री के निर्देशन में आचार्यश्री की भव्य संगीतमय पूजन की गई। तत्पश्चात इस अवसर पर दिगंबर जैन समाज एवं जिनागम सेवा संघ द्वारा विद्वानों व पुण्यार्जक परिवारों का सम्मान किया गया।
प्रेरणा और आधुनिक शिक्षा का संगम वक्ताओं ने कहा कि आचार्य विद्यासागर महाराज के चरण चिन्ह की स्थापना और आधुनिक पाठशाला कक्ष का शुभारंभ, यह दोनों कार्य बहुत महत्वपूर्ण है। इनसे निश्चित रूप से समाज और शिक्षा को लाभ होगा। आचार्य विद्यासागर महाराज एक महान संत और विद्वान हैं। उनके चरण चिन्ह की स्थापना से लोगों को प्रेरणा मिलेगी और वे उनके विचारों का अनुसरण करने के लिए प्रेरित होंगे। इसी प्रकार आधुनिक पाठशाला कक्ष का शुभारंभ भी एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे छात्रों को आधुनिक शिक्षा प्राप्त करने में मदद मिलेगी और वे भविष्य के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो सकेंगे।