केकड़ी, 14 जुलाई (आदित्य न्यूज नेटवर्क): भाटी परिवार की ओर से आयोजित नौ दिवसीय शिव महापुराण कथा सोमवार को भक्तिभाव के साथ शुरू हो गई। इस आध्यात्मिक अनुष्ठान के शुभारंभ अवसर पर एक विशाल और मनमोहक कलश यात्रा निकाली गई जिसने पूरे शहर को शिवमय बना दिया। कलश यात्रा का दृश्य अत्यंत विहंगम था। सैकड़ों की संख्या में महिलाएं पारंपरिक परिधानों में सिर पर मंगल कलश धारण किए हुए चल रही थी। महिलाओं के चेहरे पर भक्ति का तेज झलक रहा था। वहीं पुरुष वर्ग भी केसरिया पगड़ियों में सजे हुए जयकारे लगाते हुए साथ चल रहे थे। यात्रा में बैंड-बाजों की मधुर धुनें और ढोल की थाप वातावरण को और भी भक्तिमय बना रही थी।

पुष्पवर्षा से किया कलश यात्रा का स्वागत: हर-हर महादेव व जय भोलेनाथ के जयकारों से पूरा मार्ग गुंजायमान हो उठा। कलश यात्रा बड़ पीपलेश्वर महादेव मंदिर से प्रारंभ हुई जो खिड़की गेट, सदर बाजार, घंटाघर होते हुए कथा स्थल देवगांव गेट स्थित गोशाला सत्संग भवन जाकर संपन्न हुई। मार्ग में जगह-जगह लोगों ने पुष्प वर्षा कर यात्रा का भव्य स्वागत किया। दो घोड़ों की आकर्षक बग्घी में श्रीधाम वृंदावन से पधारे सुप्रसिद्ध कथावाचक भगवताचार्य पंडित योगेंद्र कृष्ण महाराज विराजमान थे। यह भव्य आयोजन स्वर्गीय मदन सिंह भाटी व बरजी देवी की पुण्य स्मृति में गोभक्त महावीर सिंह भाटी (मंगलम टिम्बर) परिवार केकड़ी द्वारा कराया जा रहा है।

शिव महापुराण की महिमा का किया बखान: कलश यात्रा के बाद आयोजक परिवार के सदस्यों ने कथा वाचक पंडित योगेन्द्र कृष्ण महाराज का स्वागत किया तथा शिव महापुराण की पूजा अर्चना की। कथा के प्रथम दिन पंडित योगेंद्र कृष्ण महाराज ने अपनी ओजस्वी वाणी में शिव महापुराण की महिमा का बखान किया। उन्होंने बताया कि अठारह पुराणों में शिव महापुराण का अत्यंत विशिष्ट स्थान है जो भगवान शिव के स्वरूप, लीलाओं और महिमा का विस्तृत वर्णन करता है। उन्होंने कहा कि यह केवल एक ग्रंथ नहीं, बल्कि मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करने वाला दिव्य ज्ञान है। प्रथम दिन की कथा में उन्होंने शिव-पार्वती संवाद की अमृतमयी कथा का रसमय वाचन किया।

भजनों की प्रस्तुति ने किया भाव विभोर: कथा वांचन करते हुए महाराज ने बताया कि कैसे भगवान शिव और माता पार्वती के बीच हुए संवाद में सृष्टि के गूढ़ रहस्यों, धर्म-कर्म के सिद्धांतों और जीवन के परम लक्ष्य का समावेश है। कथा के दौरान महाराज श्री ने दृष्टांतों और भजन-कीर्तन के माध्यम से भक्तों को भावविभोर कर दिया। कथा श्रवण कर उपस्थित सभी भक्तगण भगवान शिव की भक्ति में लीन दिखाई दिए। आयोजक परिवार के सदस्य नरेंद्र सिंह भाटी ने बताया कि यह पावन कथा 14 जुलाई से 22 जुलाई तक चलेगी। मंगलवार से कथा का समय दोपहर 12 बजे से सायं 5 बजे तक निर्धारित किया गया है।
